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हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है (Hamako Apani Bharat Ki Mati Se Anupam Pyar Hai)

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है (Hamako Apani Bharat Ki Mati Se Anupam Pyar Hai)

इस धरती पर जन्म लिया था दसरथ नंन्दन राम ने,

इस धरती पर गीता गायी यदुकुल-भूषण श्याम ने ।

इस धरती के आगे झुकता मस्तक बारम्बार है ॥


हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है,

माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है ॥


इस धरती की गौरव गाथा गायी राजस्थान ने,

इस पुनीत बनाया अपने वीरों के बलिदान ने ।

मीरा के गीतों की इसमें छिपी हुई झंकार है ॥


हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है,

माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है ॥


कण-कण मंदिर इस माटी का कण-कण में भगवान् है,

इस माटी से तिलक करो यह मेरा हिन्दुस्तान है ।

इस माटी का रोम रोम भारत का पहरेदार है॥


हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है,

माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है ॥

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है,

माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है ॥

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चैत्र नवरात्रि पर पढ़ें मां दुर्गा की उत्पत्ति की कथा

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025, रविवार से शुरू होगी। जिसमें मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा उपासना की जाती है, जो 9 दिनों तक चलेंगे। बता दें कि देवी दुर्गा को शक्ति और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है।

चैत्र नवरात्रि 2025 के नियम

चैत्र नवरात्रि का पर्व भारत में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह नौ दिनों तक चलता है, जिसमें भक्तजन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं।

अष्टमी-नवमी एक ही दिन क्यों पड़ेगी

चैत्र नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इन दिनों में विशेष पूजा, उपवास और साधना करने से भक्तों को मनोवांछित फल प्राप्त होता है।

चैत्र नवरात्रि के 3 शुभ योग

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह साल में चार बार आती है, जिनमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि को गृहस्थ लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं, जबकि माघ और आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।

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