दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।
किये जा तू जग में भलाई का काम,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।
दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।
किये जा तू जग में भलाई का काम,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।
पोंछ ले तू अपने आंसू तमाम,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ॥
सच का है पथ ले धर्म का मार्ग,
संभल संभल चलना प्राणी ।
पग पग पर है यहाँ रे कसौटी,
कदम कदम पर कुर्बानी ।
मगर तू डावा डोल ना होना,
तेरी सब पीर हारेंगे राम ॥
दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।
किये जा तू जग में भलाई का काम,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।
क्या तुने पाया, क्या तुने खोया,
क्या तेरा लाभ है क्या हानि ।
इस का हिसाब करेगा वो इश्वर,
क्यूँ तू फिकर करे रे प्राणी ।
तू बस अपना काम किए जा,
तेरा भण्डार भरेंगे राम ॥
दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।
किये जा तू जग में भलाई का काम,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।
दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।
किये जा तू जग में भलाई का काम,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।
पोंछ ले तू अपने आंसू तमाम,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ॥
हिंदू धर्म में देव दिवाली का पर्व विशेष धार्मिक महत्व है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही किया था। तब देवताओं ने प्रसन्न होकर दिवाली मनाई।
कार्तिक माह की पूर्णिमा को देव दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। इस वर्ष ये पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा जो सुबह 6:20 बजे से शुरू होकर मध्यरात्रि 2:59 बजे समाप्त होगा।
हिंदू धर्म के अनुसार सप्ताह के सात दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित है। इन मान्यताओं के अनुसार हम प्रत्येक दिन किसी-न-किसी देवी-देवता की पूजा आराधना करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयत्न करते हैं।
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