कन्हैया का दीदार,
करने आया तेरे द्वार ॥
अलख जगा के जोगी,
आया तेरे द्वार,
आया तेरे द्वार मैया,
आया तेरे द्वार,
कन्हैंया का दीदार,
करने आया तेरे द्वार ॥
अंग विभूत गले रुण्ड माला,
डम डम डमरू बजाने वाला,
गले में सर्पो का है हार,
गले में सर्पो का है हार,
कन्हैंया का दीदार,
करने आया तेरे द्वार ॥
भिक्षा ले के निकली नंदरानी,
जोगी को देख के जी घबराए,
जोगी मेरो डर जाएगो लाल,
जोगी मेरो डर जाएगो लाल,
कन्हैंया का दीदार,
करने आया तेरे द्वार ॥
भिक्षा का मैं करके बहाना,
ये लाला को तूने नहीं पहचाना,
तू है भोली बड़ो तेरो भाग,
तू है भोली बड़ो तेरो भाग,
कन्हैंया का दीदार,
करने आया तेरे द्वार ॥
तेरा लाला है जग उजियारा,
सच्चिदानंद सबका रखवाला,
ये है भक्तो का भगवान,
ये है भक्तो का भगवान,
कन्हैंया का दीदार,
करने आया तेरे द्वार ॥
अलख जगा के जोगी,
आया तेरे द्वार,
आया तेरे द्वार मैया,
आया तेरे द्वार,
कन्हैया का दीदार,
करने आया तेरे द्वार ॥
महाकुंभ में सबसे खास होता है शाही स्नान, शाही स्नान के साथ-साथ इस मेले का मुख्य आकर्षण नागा साधु भी होते हैं। महाकुंभ का पहला अमृत स्नान किया जा चुका है, जिसमें करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।
सत्यनारायण व्रत एक पवित्र और शक्तिशाली धार्मिक अनुष्ठान है जो भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह व्रत न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करता है, बल्कि व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा से भी भर देता है।
विनायक चतुर्थी एक अत्यधिक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो भगवान गणेश की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार हर महीने में दो बार आता है जिसमें शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है।
कहते हैं जब भगवान पर आस्था होती है तो आपकी जिंदगी भगवान की हो जाती है। उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती के रहने वाले हंसराज बाबा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उन्होंने अपनों से मिले दुख और अन्याय के कारण अपने जीवन को वैराग्य की ओर मोड़ दिया।