पांच दिवसीय दीपावली त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस मौके पर खरीदारी का सबसे अधिक महत्व है। इस दिन लोग मान्यता के अनुसार वस्तुओं की खरीदारी करते हैं जिन्हें शुभ माना गया है। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में बरकत बनी रहती है और आर्थिक समृद्धि होती है।
लेकिन धनतेरस पर खरीदारी करने से पहले यह जानना जरूरी है कि इस दिन किन वस्तुओं की खरीदारी करें और किन वस्तुओं की नहीं। भक्त वत्सल के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि धनतेरस पर खरीदारी करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
धनतेरस पर सोना-चांदी, नया वाहन, प्रतिष्ठान, घर, ऑफिस और व्यापार की शुरुआत करने की परंपरा है। वही घर की उपयोगी चीजों सहित इस दिन कपड़े आदि भी खरीदने की परंपरा है। लेकिन इस दिन कुछ विशेष चीजें खरीदने का अपना महत्व है।
झाड़ू: धनतेरस पर झाड़ू घर में लाना सबसे अधिक शुभ माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि झाड़ू को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। मान्यता है कि झाड़ू हमारे घर को साफ करती है और मां लक्ष्मी हमारे मन के गलत विचारों को। इसके अलावा धनतेरस के दिन पीतल, तांबे के बर्तन और धातुओं की चीजें खरीदना बेहद शुभ माना जाता है।
पान के पत्ते: धनतेरस पर पान के पत्ते जरूर खरीदें। यह मां लक्ष्मी को विशेष रूप से प्रिय हैं। इसलिए धनतेरस के दिन पान के 5 पत्ते पूजन हेतु जरूर खरीदें। पान के पत्ते पूजा करते समय मां लक्ष्मी को चढ़ाएं और बाद में बहते जल में बहा दें।
धनिया: धनतेरस पर धनिया जरूर खरीदें। पूजन के समय मां लक्ष्मी को धनिया अर्पित करें और थोड़ा सा धनिया अपनी तिजोरी या धन के स्थान पर रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा हम पर सदैव बनी रहती हैं। ध्यान रखें कि यह धनिया खुशहाली का प्रतीक है। इसका प्रयोग खाने में न करें।
लक्ष्मी पादुका: धनतेरस के दिन लक्ष्मी चरण या पादुकाएं घर में लाना बहुत शुभ माना गया है। लक्ष्मी चरण को लाना मां लक्ष्मी का आह्वान माना गया है। यह मां लक्ष्मी को घर में निमंत्रण देने का प्रतीक है। लक्ष्मी जी के चरण घर के मुख्य द्वार पर अंदर की तरफ आते हुए लगाने चाहिए।
गणेशजी की मूर्ति या तस्वीर: धनतेरस के शुभ अवसर पर धन की देवी मां लक्ष्मी और प्रथम वंदनीय गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर अवश्य लानी चाहिए। प्रतिमा मिट्टी की बनी होनी चाहिए। ताकि इन्हें अगले साल विसर्जित करके उसके स्थान पर नई प्रतिमा ला सकें।
अम्बे रानी ने,
अपना समझ कर मुझे,
बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा बन आभागा,
खुशी सबको मिली भारी,
अवध में राम आये है,
अयोध्यावासी राम
दशरथ नंदन राम