Logo

षटतिला एकादशी में तुलसी का महत्व

षटतिला एकादशी में तुलसी का महत्व

Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी पर करें तुलसी से जुड़ा ये छोटा-सा उपाय, विष्णुजी की कृपा से हर मनोकामना होगी पूरी



हिंदू धर्म में पूरे साल में आने वाली सभी 24 एकादशियों में से प्रत्येक को विशेष माना जाता है। उन्हीं में से एक षटतिला एकादशी है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी कहते हैं। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। यह दिन व्रत, पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके साथ ही षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए तुलसी से जुड़े कई उपाय भी किए जाते हैं। तो आइए, इस आर्टिकल में उन विशेष उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं।  

कब है षटतिला एकादशी? 


पंचांग के अनुसार, माघ महीने शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 24 जनवरी 2025 को रात 07 बजकर 25 मिनट पर होगा और अगले दिन 25 जनवरी 2025 को रात 08 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगा। उदयातिथि के अनुसार, शनिवार 25 जनवरी 2025 को षटतिला एकादशी मनाई जाएगी। 

क्यों खास होता है ये दिन? 


धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह दिन घर में सुख, शांति और समृद्धि लाने के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है। इस दिन व्रत कथा सुनने या पढ़ने की परंपरा है। माना जाता है कि इसके बिना व्रत अधूरा है। इसके अलावा इस दिन तुलसी के उपाय भी किए जाते हैं। तुलसी को हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र और पूजनीय माना गया है। यह ना सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि स्वास्थ्य और वातावरण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। 

जानें तुलसी से जुड़े आसान उपाय 


षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए तुलसी से जुड़े विशेष उपाय किए जाते हैं। इन उपायों को करने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं और उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है। 

  1. इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करना और उसे श्रृंगार सामग्री अर्पित करना विशेष फलदायी माना गया है। 
  2. इस दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर तुलसी के पौधे की विधिवत पूजा करें। 
  3. तुलसी को गंगाजल से स्नान कराएं और उसपर हल्दी, रोली और चंदन लगाएं। 
  4. तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना भी शुभ माना गया है। 
  5. इसके अलावा तुलसी को लाल चुनरी, चूड़ियां, सिंदूर और अन्य श्रृंगार सामग्री अर्पित करें।
  6. इससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है और घर में सौभाग्य का वास होता है। 
  7. वहीं, षटतिला एकादशी के दिन तुलसी के पौधे पर कलावा बांधने की भी परंपरा है।
  8. ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं। यह उपाय घर के सभी सदस्यों की खुशहाली और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
  9. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए तुलसी के पास मीठे भोग जैसे गुड़, तिल और चावल का प्रसाद रखें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में धन और समृद्धि की वृद्धि होती है। 

षटतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त 


ज्योतिष की माने तो एकादशी के व्रत का पारण 26 जनवरी 2025 को प्रात: काल 7 बजकर 12 मिनट से सुबह 9 बजकर 21 मिनट के बीच करना शुभ रहेगा। इस दिन सूर्योदय- सुबह 7:13 मिनट पर होगा। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 05:36 से लेकर 06:24 मिनट तक रहेगा। वहीं, अभिजीत मुहूर्त- दोपहर में 12:17 से लेकर 01:00 बजे सुबह तक रहेगा।

........................................................................................................
हे जग स्वामी, अंतर्यामी, तेरे सन्मुख आता हूँ (He Jag Swami Anataryami, Tere Sanmukh Aata Hoon)

हे जग स्वामी, अंतर्यामी,
तेरे सन्मुख आता हूँ ।

हे जग त्राता विश्व विधाता(He Jag Trata Vishwa Vidhata)

हे जग त्राता विश्व विधाता,
हे सुख शांति निकेतन हे।

हे माँ मुझको ऐसा घर दे(He Maa Mujhko Aisa Ghar De)

हे माँ मुझको ऐसा घर दे, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो,
ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो।

गौरा जी को भोले का, योगी रूप सुहाया है(Goura Ji Ko Bhole Ka Yogi Roop Suhaya Hai)

गौरा जी को भोले का,
योगी रूप सुहाया है,

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang