हे जग स्वामी, अंतर्यामी,
तेरे सन्मुख आता हूँ ।
सन्मुख आता, मैं शरमाता
भेंट नहीं कुछ लाता हूँ
॥ हे जग स्वामी...॥
पापी जन हूँ, मैं निर्गुण हूँ
द्वार तेरे पर आता हूँ
॥ हे जग स्वामी...॥
मुझ पर प्रभु कृपा कीजे
पापों से पछताता हूँ
॥ हे जग स्वामी...॥
पाप क्षमा कर दीजे मोरे,
मन से ये ही चाहता हूँ
॥ हे जग स्वामी...॥
हे जग स्वामी, अंतर्यामी,
तेरे सन्मुख आता हूँ ।
नवरात्रि में देवी की साधना और अध्यात्म का अद्भुत संगम होता है। इन दिनों में मां दुर्गा की पूजा करने से सभी प्रकार के दुख एवं परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
आज 01 अप्रैल 2025 चैत्र माह का सोलहवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि चतुर्थी है। वहीं आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर विष्कम्भ योग और प्रीति योग है।
आज 02 अप्रैल 2025 चैत्र माह का सत्रहवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि पञ्चमी है। वहीं आज बुधवार का दिन है। इस तिथि पर आयुष्मान् योग है।
आज 03 अप्रैल 2025 चैत्र माह का अठारहवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि षष्ठी है। वहीं आज गुरूवार का दिन है।