हे जग त्राता विश्व विधाता,
हे सुख शांति निकेतन हे।
प्रेम के सिन्धु, दीन के बन्धु,
दु:ख दारिद्र विनाशन हे ।
हे जग त्राता विश्व विधाता,
हे सुख शांति निकेतन हे ।
नित्य अखंड अनंन्त अनादि,
पूरण ब्रह्म सनातन हे ।
हे जग त्राता विश्व विधाता,
हे सुख शांति निकेतन हे ।
जग आश्रय जग-पति जग-वन्दन,
अनुपम अलख निरंजन हे ।
हे जग त्राता विश्व विधाता,
हे सुख शांति निकेतन हे ।
प्राण सखा त्रिभुवन प्रति-पालक,
जीवन के अवलंबन हे ।
हे जग त्राता विश्व विधाता,
हे सुख शांति निकेतन हे ।
हे जग त्राता विश्व विधाता,
हे सुख शांति निकेतन हे ।
हे सुख शांति निकेतन हे,
हे सुख शांति निकेतन हे ।
नवरात्रि को हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है, जिसे नौ दिनों तक मनाया जाता है। इसमें देवी दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है।
नवरात्रि पर्व का आगमन होते ही चारों ओर भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बन जाता है। विशेषकर चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और शक्ति का संचार भी होता है।
नवरात्रि के दिनों में हमने देखा है कि जहां भी मां दुर्गा की पूजा होती है। वहां माता की मूर्ति के साथ उस परम शक्तिशाली असुर महिषासुर की भी प्रतिमा माता के साथ होती है।
जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही, जीवन में व्याप्त सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। नवरात्रि की शुरुआत प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना से होती है।