Logo

अक्षय तृतीया पर नमक क्यों खरीदते हैं?

अक्षय तृतीया पर नमक क्यों खरीदते हैं?

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया पर नमक खरीदना क्यों है शुभ, जानें इसके पीछे की वजह और कहानी

अक्षय तृतीया एक अत्यंत शुभ और पवित्र तिथि मानी जाती है। यह वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है, जिसे ‘अबूझ मुहूर्त’ कहा जाता है। यानी इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती। 

अक्षय तृतीया के दिन सोना, चांदी, भूमि, वाहन और कपड़े की ख़रीदारी को शुभ माना जाता है, लेकिन इस दिन नमक की खरीदारी का विशेष महत्व होता है। 


नमक की खरीदारी से शुक्र गृह पर पड़ता है श्रेष्ठ प्रभाव 

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया पर नमक खरीदने से जीवन में बिना किसी रुकावट के सुख-समृद्धि बनी रहती है। पौराणिक शास्त्रों और लोक मान्यताओं के अनुसार, नमक का संबंध शुक्र ग्रह से होता है और शुक्र ग्रह धन, ऐश्वर्य, प्रेम और वैवाहिक जीवन के देवता माने जाते हैं। अक्षय तृतीया के दिन शुक्र ग्रह की स्थिति शुभ होती है, इसलिए इस दिन नमक खरीदना और उसे घर में रखना शुभ और फलदायी माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है। 


नमक की खरीददारी से दूर होगी दरिद्रता

वास्तु शास्त्र के अनुसार, नमक में नकारात्मक ऊर्जा को खींचने की क्षमता होती है। इसे घर के कोनों में रखने से बुरी ऊर्जा समाप्त होती है। इसी कारण से नमक को खरीदने का महत्व उन लोगों के लिए और अधिक हो जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी की खरीदारी नहीं कर सकते हैं। इसीलिए अगर आप अक्षय तृतीया पर महंगी चीजें नहीं खरीद पा रहे हैं, तो एक छोटी सी पुड़िया नमक खरीदकर लाना भी आपके लिए सुख और समृद्धि का द्वार खोल सकता है।


अक्षय तृतीया पर नमक घर लाकर ऐसे करें पूजा 

  • बाजार से एक साफ सफ़ेद पुड़िया में पैक नमक खरीदें। फिर घर लाकर इसे पूजा स्थान के पास रखें।
  • भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता को हल्दी-कुमकुम का टीका लगाकर, नमक को उनके चरणों में समर्पित करें। फिर इस नमक को रसोई में रखें और सामान्य उपयोग में लाएं।

........................................................................................................
माथे पर तिलक क्यों लगाया जाता है

सनातन धर्म को मानने वाले यह जानते हैं कि हमारे धर्म में सम्मान स्वरूप, आदर स्वरूप, शुभ कार्य की शुरुआत और ऐसे कई मौकों पर माथे पर तिलक लगाने की परंपरा है।

घर के मंदिर में कितनी मूर्तियां रखें

धर्म का पालन करने वाले सनातनियों के घर में पूजा घर अवश्य होता है। पूजा घर में हमारे सभी देवी-देवताओं की तस्वीरें और मूर्तियां होती हैं, जिनकी हम पूजा-अर्चना करते हैं।

मरने के बाद क्या होता है

मरने के बाद क्या होता है, आत्मा कैसे शरीर छोड़ती है और कैसे दूसरा शरीर धारण करती है। ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब हर कोई जानना चाहता है।

कार्तिक मास का धार्मिक महत्व

शरद पूर्णिमा के समापन के बाद कार्तिक मास की शुरुआत हो जाती है। हिंदू धर्म में कार्तिक मास को विशेष महत्व प्राप्त है। इस महीने जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang