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घर के मंदिर में कितनी मूर्तियां रखें

घर के मंदिर में कितनी मूर्तियां रखें

मंदिर में कौन से भगवान की कितनी फोटो या मूर्तियां रखनी चाहिए, जानिए नियम-कायदे


धर्म का पालन करने वाले सनातनियों के घर में पूजा घर अवश्य होता है। पूजा घर में हमारे सभी देवी-देवताओं की तस्वीरें और मूर्तियां होती हैं, जिनकी हम पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन पूजा घर के भी अपने नियम-कायदे हैं। पवित्रता, शुद्धता, स्वच्छता के अलावा और भी कई अनुशासन हैं जो पूजा घर के लिए बनाए गए हैं।

जब भी पूजा घर के जुड़े नियमों की बात आती है तो एक बात पर हमेशा चर्चा होती है। वो यह कि पूजा घर में कितने भगवान रखें और किस भगवान की कितनी मूर्तियां या तस्वीर रखीं जा सकती हैं। यह एक ऐसा प्रश्न है जो अमूमन पूछा जाता है। भक्त वत्सल की धर्म ज्ञान सीरीज के इस लेख में इसी विषय पर चर्चा करते हैं।


दरअसल, पूजा घर में कितनी मूर्तियां या तस्वीर रखने चाहिए। इसका जवाब इस मंत्र में छुपा है। 


गृहे लिंगद्वयं नाच्यं गणेशत्रितयं तथा।
शंखद्वयं तथा सूर्यो नार्च्यो शक्तित्रयं तथा॥
द्वे चक्रे द्वारकायास्तु शालग्राम शिलाद्वयम्‌।  
तेषां तु पुजनेनैव उद्वेगं प्राप्नुयाद् गृही॥

 

अर्थात: घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य, तीन दुर्गा मूर्ति, दो गोमती चक्र और दो शालिग्राम की पूजा करने से गृहस्थ मनुष्य को अशांति होती है।


यह मंत्र अपने आप में प्रमाणिकता और शास्त्रानुसार स्वयं सत्य है। लेकिन फिर भी एक-एक ही रख सकते हैं। मान्यता है कि घर में किसी भी देवता की तीन मूर्तियां या चित्र नहीं होने चाहिए। साथ ही मूर्ति पीतल, तांबा, सोना, चांदी या कांसे की धातुओं से बनी होना चाहिए।


मूर्तियों के आकार और पूजन को लेकर नियम


  • पूजा घर में रखी जाने वाली देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का आकार 3 इंच से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
  • अंगूठे की लंबाई के बराबर ही मूर्तियां श्रेष्ठ हैं। घर में बड़ी-बड़ी मूर्तियां भी नहीं रखनी चाहिए। 
  • बड़ी मूर्तियों की पूजा में कई नियमों का पालन करना पड़ता है जिनका खंडन होने पर इनकी पूजा अशुभ प्रभाव डालती है।
  • भगवान की मूर्ति कभी भी इस तरह नहीं रखनी चाहिए कि उसके पीछे का भाग, यानि पीठ हमें दिखाई दे। भगवान की पीठ का दिखना अशुभ माना जाता। 
  • हमेशा भगवान की सौम्य, सुंदर और आशीर्वाद मुद्रा वाली मूर्तियां ही घर में रखें। खंडित मूर्तियों न रखें और उन्हें जलाशय में विसर्जित कर दें। 


घर में कौन से भगवान की कितनी मूर्तियां रखनी चाहिए


  • पूजा घर में गणेश जी की दो से अधिक मूर्तियां या तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। साथ ही भगवान की युद्ध मुद्रा वाली मूर्तियां भी नहीं रखनी चाहिए। 
  • मां दुर्गा की मूर्तियों की संख्या तीन नहीं होनी चाहिए।
  • घर में हनुमान जी की एक ही मूर्ति रखें।
  • राधा-कृष्ण जी की मूर्ति को मंदिर में एक साथ रखना चाहिए।
  • राम दरबार पूर्व दिशा की ओर रखें। इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती हैं।
  • शनि, राहू, केतु या ग्रह वाले देवी-देवता की तस्वीर कभी भी घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए।
  • ब्रह्मा जी को भी घर के मंदिर में स्थापित नहीं करना चाहिए। 
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श्री रुद्राष्टकम् मंत्र (Sri Rudrashtakam Mantra)

॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥ ॥ Shrirudrashtakam ॥
namaamishmishan nirvanarupam
vibhum vyapakam bramvedasvarupam .
nijam nirgunam nirvikalpam niriham
chidakashamakashavasam bhaje̕ham . 1.

Main Balak Tu Mata Sherawaliye (मैं बालक तू माता शेरां वालिए)

मैं बालक तू माता शेरां वालिए,
है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।
शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥
॥ मैं बालक तू माता शेरां वालिए...॥

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा (Aa Maan Aa Tujhe Dil Ne Pukaara)

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा ।
दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ ॥

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है भजन (Chalo Bulawa Aaya Hai Mata Ne Bulaya Hai Bhajan)

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