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बद्रीनाथ धाम यात्रा गाइड 2025

बद्रीनाथ धाम यात्रा गाइड 2025

Badrinath Dham Tour Guide 2025: बद्रीनाथ धाम कैसे पहुंचे और कहां रूके, जानिए यात्रा का सही रूट


बद्रीनाथ धाम, उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है, जो चारधाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। यदि आप भी पूर्व योजना के साथ बिना किसी परेशानी के वहां जाने की सोच रहे हैं, तो यहां मार्गों से लेकर होटलों और मैप तक सब कुछ का विवरण दिया गया है। 


बद्रीनाथ के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश हैं नजदीकी रेलवे स्टेशन 

बद्रीनाथ धाम के लिए कोई सीधी ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं है और सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार और ऋषिकेश हैं, जो देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। हरिद्वार से बद्रीनाथ की दूरी लगभग 316 किलोमीटर है, जिसे सड़क मार्ग से तय किया जाता है। इसीलिए यदि आप रेल से यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो पहले हरिद्वार या ऋषिकेश पहुंचें। 


हरिद्वार से जोशीमठ तक सड़क के रास्ते करें यात्रा 

हरिद्वार से जोशीमठ तक की दूरी लगभग 275 किलोमीटर है, जिसे 8 से 10 घंटे में तय किया जा सकता है। हरिद्वार बस स्टेशन से जोशीमठ के लिए नियमित सरकारी और निजी बस सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा, टैक्सी और जीप सेवाएं भी उपलब्ध हैं, जो अधिक सुविधाजनक और आरामदायक विकल्प हैं।


जोशीमठ से बद्रीनाथ का रास्ता है प्राकृतिक सौन्दर्य का प्रतीक

जोशीमठ से बद्रीनाथ की दूरी लगभग 45 किलोमीटर है, जिसे सड़क के रास्ते से 2 से 3 घंटे में तय किया जा सकता है। जोशीमठ से बद्रीनाथ के लिए टैक्सी, जीप और बस सेवाएं उपलब्ध हैं। साथ ही, यह रास्ता प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है जहां आप यात्रा के दौरान कई दर्शनीय स्थल भी देखे जा सकते हैं। 


जोशीमठ के होटलों के करीब है बद्रीनाथ धाम 

बद्रीनाथ में सड़क के किनारे कई होटल और गेस्ट हाउस हैं, जो विभिन्न बजट के अनुसार सुविधाएं प्रदान करते हैं। मगर आप बद्रीनाथ में ठहरने की योजना नहीं बना रहे हैं, तो जोशीमठ में भी कई अच्छे होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं, जहां से आप सुबह बद्रीनाथ दर्शन के लिए आसानी से प्रस्थान कर सकते हैं।


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भोले दी बरात - भजन (Bhole Di Baraat)

भोले दी बरात चढ़ी,
गज वज के,

बिना लक्ष्मण के है जग सुना सुना (Bina Lakshman Ke Hai Jag Soona Soona)

लगी चोट रघुवर के तब ऐसी मन में,
रोके सुग्रीव से बोले जाओ,

भोले के हाथों में, है भक्तो की डोर (Bhole Ke Hatho Mein Hai Bhakto Ki Dor)

भोले के हाथों में,
है भक्तो की डोर,

भोले के कांवड़िया मस्त बड़े मत वाले हैं (Bhole Ke Kawadiya Masat Bade Matwale Hain)

चली कांवड़ियों की टोली,
सब भोले के हमजोली,

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