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वह शक्ति हमें दो दया निधे (Wah Shakti Hamain Do Daya Nidhe)

वह शक्ति हमें दो दया निधे  (Wah Shakti Hamain Do Daya Nidhe)

वह शक्ति हमें दो दयानिधे,

कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें।

पर-सेवा पर-उपकार में हम,

जग(निज)-जीवन सफल बना जावें॥

॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥


हम दीन-दुखी निबलों-विकलों के,

सेवक बन संताप हरें।

जो हैं अटके, भूले-भटके,

उनको तारें खुद तर जावें॥

॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥


छल, दंभ-द्वेष, पाखंड-झूठ,

अन्याय से निशिदिन दूर रहें।

जीवन हो शुद्ध सरल अपना,

शुचि प्रेम-सुधा रस बरसावें॥

॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥


निज आन-बान, मर्यादा का,

प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।

जिस देश-जाति* में जन्म लिया,

बलिदान उसी पर हो जावें॥

॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥

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देश में दिवाली मनाने के अनूठी परंपराएं

भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी पर्वों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं।

अष्ट लक्ष्मी की पूजा से होते हैं ये लाभ

दीपावली के पावन पर्व पर हर व्यक्ति यह चाहता है कि वह मां लक्ष्मी का पूजन इस प्रकार करें कि उसे मनवांछित फल की प्राप्ति हो।

विजय लक्ष्मी की महिमा

विजय का मतलब होता है जीत। अष्ट लक्ष्मी का एक स्वरूप विजय लक्ष्मी, विजया लक्ष्मी या जया लक्ष्मी का भी है जो जीत का ही प्रतीक माना गया है।

श्री यंत्र की महिमा और महत्व

सनातन धर्म में धन की देवी मां महालक्ष्मी सभी सुखों को प्रदान करने वाली मानी जाती हैं। आज के इस आधुनिक दौर में भी हिन्दू धर्म मे माता महालक्ष्मी की पूजा अत्यंत श्रद्धा के साथ की जाती है।

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