तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन ॥
सुबह और शाम आती हैं,
रात भर वो रुलाती हैं,
चैन हमको नही आता,
चैन हमको नही आता,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन ॥
चलूँ जब वो न चलने दे,
रूकूं जब वो न रुकने दे,
मिलूँ औरों से न मिलने दे,
मिलूँ औरों से न मिलने दे,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन ॥
तुम्हारी ये और तुम इसके,
हमारी कौन चलने दे,
ये जब जाएगी तुम आओ,
ये जब जाएगी तुम आओ,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन ॥
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन ॥
बसंत पंचमी सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती को समर्पित है और हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
बसंत पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह त्योहार ज्ञान, विद्या और कला की देवी सरस्वती को समर्पित है।
बसंत पंचमी का पर्व जो कि माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। यह त्योहार ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की पूजा के लिए विशेष है जो कि वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी है।
बसंत पंचमी का त्योहार जो कि हर साल माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। जो इस साल 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। शिक्षा, बुद्धि और कला के क्षेत्र में उन्नति के लिए बेहद शुभ माना जाता है।