नाम ना जाने, धाम ना जाने
जाने ना सेवा पूजा
जाने बस इतना अजान हम
एक बिना नहीं दूजा
तुम आशा विश्वास हमारे
तुम धरती आकाश हमारे,
तुम धरती आकाश हमारे, रामा
तात मात तुम, बंधू भ्रात हो
दिवस रात्रि, संध्या प्रभात हो
दीपक सूर्य चन्द्र तारक में, रामा
तुम ही ज्योति प्रकाश हमारे, रामा
॥ तुम आशा विश्वास हमारे...॥
साँसों में तुम आते जाते
एक तुम ही से हैं सब नाते
जीवनवन के हर पतझर में, रामा
एक तुम ही मधुमास हमारे, रामा
॥ तुम आशा विश्वास हमारे...॥
तुम ही सब में हैं तुम में सब
तुम ही भव हो, हो तुम ही रब
अश्रु हमारी आँखों में तुम, रामा
तुम होठों पर हास हमारे, रामा
॥ तुम आशा विश्वास हमारे...॥
तुम आशा विश्वास हमारे
तुम धरती आकाश हमारे,
तुम धरती आकाश हमारे, रामा
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष के बाद पौष का महीना आता है। ये हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना होता है। पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।
प्रत्येक साल में एक दिन सबसे छोटा होता है। दरअसल, इस दिन सूर्य धरती के दक्षिणी गोलार्ध में अपने चरम बिंदु पर होता है। ज्योतिष के अनुसार साल के सबसे छोटे दिन तक भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर चुके होते हैं।
हिंदू धर्म में वनदेवी को जंगलों, वनस्पतियों, और वन्य जीवों की अधिष्ठात्री माना जाता है। वे प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन का प्रतीक हैं। इतना ही नहीं, कई आदिवासी समुदायों में वनदेवी को आराध्य देवी के रूप में पूजा जाता है।
हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं के एक विशेष स्थान और महत्व है। सभी देवी-देवताओं की पूजा भी विशेष रूप से करने का विधान हैं। वहीं देवी-देवताओं के साथ-साथ पंचतत्व की पूजा-अर्चना भी विशेष रूप की जाती है।