लाल लंगोटो हाथ मे सोटो,
थारी जय जो पवन कुमार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी,
बलिहारी जाऊँ बालाजी॥
सालासर थारो देवरो है बाबा,
मेहंदीपुर भी थारो देवरो बाबा,
थारे नोबत बाजे द्वार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥
चैत्र सुदी पूनम को मेलो,
चैत्र सुदी पूनम को मेलो,
थारे आये भगत अपार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥
तेल सिंदूर चढ़े तन ऊपर,
तेल सिंदूर चढ़े तन ऊपर,
कोई मंगल और शनिवार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥
गठ जोड़े की जात जड़ूला,
गठ जोड़े की जात जड़ूला,
देवे लाखो ही नर नार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥
ध्वजा नारियल चढे चूरमो,
ध्वजा नारियल चढे चूरमो,
सर पे छतर हजार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥
घृत सिंदूर चढ़ावे थाने,
घृत सिंदूर चढ़ावे थाने,
मंगल और शनिवार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥
भक्तो का थे संकट काटो,
भक्तो का थे संकट काटो,
थारी महिमा अपरम्पार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी॥
लाल लंगोटो हाथ मे सोटो,
थारी जय जो पवन कुमार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी,
बलिहारी जाऊँ बालाजी॥
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे,
निर्धन के घर भी आ जाना ।
खबर मेरी ले लेना,
उज्जैन के महाकाल ॥
प्रभु केवट की नाव चढ़े
कभी कभी भगवान को भी भक्तो से काम पड़े ।
ब्रह्मानंदम परम सुखदम,
केवलम् ज्ञानमूर्तीम्,