बालाजी के चरणों में ये काम कर दिया,
एक दिल था वो भी इनके नाम कर दिया ॥
कबसे थी तलाश मुझे इनके प्यार की,
आज घडी मिट गई है इंतज़ार की,
इनका नाम लेना सुबह शाम कर दिया,
मैंने इनका नाम लेना सुबह शाम कर दिया,
एक दिल था वो भी इनके नाम कर दिया ॥
तुम मेरे रहो ये मेरी आरज़ू रहे,
पूजता तुम्हे ही रहूं जुस्तुजू रहे,
मन को मैंने अपना गुलाम कर दिया,
एक दिल था वो भी इनके नाम कर दिया ॥
मेरे मुस्कुराने की वजह तुम तो हो,
मेरे दिल के हर आईने में तुम तो हो,
अब तो इस जुबां पे राम राम कर दिया,
मैंने अब तो इस जुबां पे राम राम कर दिया,
एक दिल था वो भी इनके नाम कर दिया ॥
हिंदू धर्म में जानकी जयंती का विशेष महत्व है, जिसे माता सीता के अवतरण का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत, पूजा-पाठ और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
हिंदू धर्म में जानकी जयंती का बहुत महत्व है। इस पर्व को माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। साल 2025 में जानकी जयंती आज यानी 21 फरवरी, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
हिंदू धर्म में भगवान राम और माता सीता की पूजा बहुत शुभ और कल्याणकारी मानी गई है। देवी सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है, वे जगत जननी मां लक्ष्मी का स्वरूप हैं।
जानकी जी के विभिन्न नामों में सीता, मैथिली और सिया प्रमुख हैं। जानकी जयंती के अवसर पर रामचरित मानस की चौपाइयों का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। यहां कुछ चौपाइयां दी गई हैं जो राम भक्ति से परिपूर्ण हैं।