था बिन दीनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी,
कुण पकड़सी जी सांवरा,
कुण पकड़सी जी,
था बिन दिनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी,
म्हारी पीड़ हरो घनश्याम आज,
थाने आया सरसी जी,
था बिन दिनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी ॥
था बिन म्हारे सिर पर बाबा,
कुंण तो हाथ फिरावे है,
सगळा मुंडो फेर के बैठ्या,
कुंण तो साथ निभावे है,
मजधारा सु बेडो कईया,
मजधारा सु बेडो कईया,
पार उतरसी जी,
था बिन दिनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी ॥
म्हारी हालत सेठ सांवरा,
थासु कोन्या छानी रे,
एक बार थे पलक उघाड़ो,
देखो म्हारे कानि रे,
थारे देख्या बिगड़ी म्हारी,
थारे देख्या बिगड़ी म्हारी,
श्याम सुधरसी जी,
था बिन दिनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी ॥
आंख्या सामी घोर अंधेरो,
कुछ ना सूझे आगे श्याम,
ईब के होसी सोच सोच के,
म्हाने तो डर लागे श्याम,
‘हर्ष’ म्हारे आगे को रस्तो,
‘हर्ष’ म्हारे आगे को रस्तो,
श्याम ही करसी जी,
था बिन दिनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी ॥
था बिन दीनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी,
कुण पकड़सी जी सांवरा,
कुण पकड़सी जी,
था बिन दिनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी,
म्हारी पीड़ हरो घनश्याम आज,
थाने आया सरसी जी,
था बिन दिनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी ॥
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