तन तम्बूरा, तार मन,
अद्भुत है ये साज ।
हरी के कर से बज रहा,
हरी ही है आवाज ।
तन के तम्बूरे में दो,
सांसो की तार बोले ।
जय सिया राम राम,
जय राधे श्याम श्याम ।
तन के तम्बूरे में दो,
सांसो की तार बोले ।
जय सिया राम राम,
जय राधे श्याम श्याम ।
अब तो इस मन के मंदिर में,
प्रभु का हुआ बसेरा ।
मगन हुआ मन मेरा,
छूटा जनम जनम का फेरा ।
मन की मुरलिया में,
सुर का सिंगार बोले ।
जय सिया राम राम,
जय राधे श्याम श्याम ।
तन के तम्बूरे में दो,
सांसो की तार बोले ।
जय सिया राम राम,
जय राधे श्याम श्याम ।
लगन लगी लीला धारी से,
जगी रे जगमग ज्योति ।
राम नाम का हीरा पाया,
श्याम नाम का मोती ।
प्यासी दो अंखियो में,
आंसुओ के धार बोले ।
जय सिया राम राम,
जय राधे श्याम श्याम ।
तन के तम्बूरे में दो,
सांसो की तार बोले ।
जय सिया राम राम,
जय राधे श्याम श्याम ।
तन के तम्बूरे में दो,
सांसो की तार बोले ।
जय सिया राम राम,
जय राधे श्याम श्याम ।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 16 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि के साथ सोमवार का दिन है।
आज 26 जून 2025 को आषाढ़ माह का 16वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष तिथि प्रतिपदा है। आज गुरूवार का दिन है। सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 17 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि के साथ मंगलवार का दिन है।
हिंदू पंचांग में कालाष्टमी एक विशेष तिथि मानी जाती है, जो प्रत्येक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आती है। यह दिन भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव को समर्पित होता है।