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शमसानो के वासी हो, भूतों का है साथ(Shamshano Ke Vasi Ho Bhuto Ka Hai Sath)

शमसानो के वासी हो, भूतों का है साथ(Shamshano Ke Vasi Ho Bhuto Ka Hai Sath)

शमसानो के वासी हो,

भूतों का है साथ,

तेरा गंगा किनारे डेरा,

तेरा गंगा किनारे डेरा,

ओ बाबा भूतनाथ,

शमसानों के वासी हो,

भूतों का है साथ ॥


देवों में महादेव हो बाबा,

सारी दुनिया ध्याति है,

श्रद्धा से चरणों में तेरे,

आकर शीश झुकाती है,

जो पाँव पकड़ ले तेरे,

जो पाँव पकड़ ले तेरे,

तू पकडे उनके हाथ,

शमसानों के वासी हो,

भूतों का है साथ ॥


श्रष्टि के ओ सिरजनहारे,

तेरे ढंग निराले है,

देवों की रक्षा के खातिर,

पीता विष के प्याले है,

हम भोले भक्तों का तू,

हम भोले भक्तों का तू,

रक्षक है भोलेनाथ,

शमसानों के वासी हो,

भूतों का है साथ ॥


सोमवार को तेरा दर्शन,

बहुत बड़ा शुभकारी है,

तेरी दया से हम भक्तो की,

कटती विपदा सारी है,

इस ‘हर्ष’ का भोले बाबा,

इस ‘हर्ष’ का भोले बाबा,

तू देना हरदम साथ,

शमसानों के वासी हो,

भूतों का है साथ ॥


शमसानो के वासी हो,

भूतों का है साथ,

तेरा गंगा किनारे डेरा,

तेरा गंगा किनारे डेरा,

ओ बाबा भूतनाथ,

शमसानों के वासी हो,

भूतों का है साथ ॥

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माघ माह में कैसे करें गंगा स्नान?

हिंदू धर्म में माघ माह का विशेष महत्व है। इस साल 14 जनवरी से माघ माह शुरू हो रहा है। माघ माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के पहले दिन से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक चलता है।

मकर संक्रांति पुण्य काल

2025 में, मकर संक्रांति विशिष्ट योग में 14 जनवरी को मनाई जाएगी। 14 जनवरी को सुबह 8 बजकर 41 मिनट पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। ऐसे में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक स्नान-ध्यान और दान का शुभ मुहूर्त रहेगा।

माघ महीने में कब और क्यों मनाई जाती है कुंभ संक्रांति?

आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण करते हैं। सूर्य देव के इस राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहते हैं। हर संक्रांति का अपना खास महत्व होता है और इसे धूमधाम से मनाया जाता है।

तिलकुट चौथ की पूजा सामग्री

सकट चौथ व्रत मुख्यतः संतान की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और तरक्की की कामना के लिए रखा जाता है। इस पर्व को गौरी पुत्र भगवान गणेश और माता सकट को समर्पित किया गया है। इसे भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे:- तिलकुट चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ।

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