राहों में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
जब राम मेरे घर आएंगे,
सियाराम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
मैं चुन चुन कलियाँ लाऊंगी,
हाथों से हार बनाऊँगी,
मैं उनको हार पहनाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
मैं चन्दन चौकी बिछाऊँगी,
फूलों से उसे सजाऊंगी,
मैं प्रेम से उन्हें बिठाउंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
मैं छप्पन भोग बनाउंगी,
हाथों से उन्हें खिलाऊंगी,
मैं प्रेम से उन्हें खिलाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
मैं रो रो उन्हें मनाऊंगी,
गा गा कर उन्हें सुनाऊँगी,
मैं अपना हाल बताउंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
मैं फूलों की सेज बिछाऊँगी,
झालर का तकिया लगाउंगी,
मैं उनके चरण दबाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
राहों में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
जब राम मेरे घर आएंगे,
सियाराम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
हर घर में होली के मौके पर गुजिया बनाई और खाई जाती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि होली पर गुजिया बनाने की परंपरा क्यों है? इसके पीछे एक दिलचस्प पौराणिक कथा और ऐतिहासिक महत्व छिपा हुआ है। तो आइए जानते हैं कि होली पर गुजिया क्यों बनाई जाती है और इसके पीछे की कहानियां क्या हैं।
होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि ये खुशियां, प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है। इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और गिले-शिकवे भुलाकर त्योहार मनाते हैं। लेकिन क्या आपने ये कभी सोचा है कि होली पर रंग लगाने की परंपरा कैसे शुरू हुई? इसके पीछे एक पौराणिक कथा छिपी हुई है, जो भगवान श्रीकृष्ण और प्रह्लाद से जुड़ी है।
होली का हर पल जीवन के लिए एक संदेश लेकर आता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी नहीं आती है। इस साल होली 14 मार्च को मनाई जा रही है। 14 मार्च को शुक्रवार है। शुक्रवार को देवी लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन वैभव लक्ष्मी व्रत भी रखा जाता है।
भारत देश त्योहारों का देश है और यहां हर त्यौहार का अपना महत्व और पूजा विधि है। इन्हीं त्यौहारों में से एक है छठ पूजा है, जो भगवान सूर्य को समर्पित है।