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राम जपते रहो, काम करते रहो (Ram Japate Raho, Kam Karte Raho)

राम जपते रहो, काम करते रहो (Ram Japate Raho, Kam Karte Raho)

राम जपते रहो, काम करते रहो ।

वक्त जीवन का, यूँही निकल जायेगा ।

अगर लगन सच्ची, भगवन से लग जायेगी ।

तेरे जीवन का नक्शा, बदल जायेगा ।

राम जपते रहो, काम करते रहो ।


लाख चौरासी भ्रमण, किया दुख सहन ।

पाया मुश्किल से तब, एसा मानुष तन ।

राह चलते चलो कर किसी की नजर ।

पैर नाजुक है नीचे फिसल जायेगा ।

राम जपते रहो, काम करते रहो ।


कौल तूने किया, मैँ करूँगा वफ़ा ।

पर गया भूल कुछ, ना कमाया नफा ।

आके मस्ती में तू, मूलधन खा गया ।

आखिरी में तेरा, सर कुचल जायेगा ।

राम जपते रहो, काम करते रहो ।


खैर बीती जो, अब संभालो जरा ।

प्रेम गदगद हो, आँसू निकालो जरा ।

वो दया पात्र हरी का, भरो नीर से ।

भरते भरते एक दिन, छलक जायेगा ।

राम जपते रहो, काम करते रहो ।


छोड़कर छल कपट, मोह माया जतन ।

लौ प्रभू से लगाना, जगदम्बा शरण ।

मोम सा है ज़िगर, इन दयासिंधु का ।

असर पड़ते ही फौरन, पिघल जायेगा ।

राम जपते रहो, काम करते रहो ।


राम जपते रहो, काम करते रहो ।

वक्त जीवन का, यूँही निकल जायेगा ।

अगर लगन सच्ची, भगवन से लग जायेगी ।

तेरे जीवन का नक्शा, बदल जायेगा ।

राम जपते रहो, काम करते रहो ।

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इस दिन पड़ेगी साल की आखिरी शिवरात्रि

हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।

शनि प्रदोष व्रत कथा

प्रत्येक माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत अपने विशेष महत्व के लिए ही जाने जाते हैं। पर साल 2024 में पौष माह के प्रदोष व्रत को ख़ास माना जा रहा है।

शनि प्रदोष व्रत उपाय

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और शनिदेव के आराधना के लिए समर्पित होता है। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आने वाले इस व्रत में शिवलिंग की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

शनि प्रदोष व्रत मुहूर्त और तारीख

सनातन हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। बता दें कि प्रदोष व्रत महीने में दो बार आता है। पर प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ने पर उसे शनि त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है।

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