जो रिद्धि सिद्धि दाता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूँ,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥
मेरी अरदास सुन देवा,
तू मूषक चढ़ के आ जाना,
सभा के मध्य आकर के,
हमारी लाज रख जाना,
हमारी लाज रख जाना,
करूँ विनती मैं झुक उनकी,
माँ गौरी जिनकी माता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूं,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥
क्रिया ना मन्त्र मैं जानू,
शरण में तेरी आया हूँ,
मेरी बिगड़ी बना देना,
चढाने कुछ ना लाया हूँ,
चढाने कुछ ना लाया हूँ,
करूँ कर जोड़ नम नम के,
जो मुक्ति के प्रदाता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूं,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥
सुनो शंकर सुवन मुझको,
अबुद्धि ज्ञान दे जाओ,
अँधेरे में भटकते को,
धर्म की राह दिखलाओ,
धर्म की राह दिखलाओ,
‘अनिल’ विनती करे उनकी,
विनायक जो कहाता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूं,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥
जो रिद्धि सिद्धि दाता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूँ,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥
गंगा दशहरा, ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को मनाया जाने वाला एक अत्यंत पवित्र पर्व है, जो इस बार 5 जून 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का उत्सव मनाया जाता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक है और इसे गंगा स्नान, पूजन और मंत्र जाप के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
आज 8 जून 2025 को ज्येष्ठ माह का 27वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष तिथि द्वादशी है। आज रविवार का दिन है।
आज 9 जून 2025 को ज्येष्ठ माह का 28वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष तिथि त्रयोदशी है। आज सोमवार का दिन है।