नंदी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया,
देखूं सारा संसार,
चले पर्वत के उस पार,
दुनिया देखन दे देखन दे,
कलयुग का ये दौर,
गौरा बदली सारी दुनिया,
बड़ा स्वार्थी संसार,
वहां जाना है बेकार,
तप कर लेन दे कर लेन दे,
नन्दी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया ॥
कैसी भोले तुमने दुनिया बनाई,
देखूँगी एक बार हो,
पापी अधर्मी लोग यहाँ पे,
बहुत बुरा संसार हो,
तुम तो कहते मेरे जगत में,
तुम तो कहते मेरे जगत में,
होती है जय जयकार हो,
गौरा रानी सुनो ये है,
माया की नगरिया,
देखूं सारा संसार,
चले पर्वत के उस पार,
दुनिया देखन दे देखन दे,
नन्दी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया ॥
मैने सुना पिया पृथ्वी लोक में,
पावन है हरिद्वार हो,
हरिद्वार ही गंगा धाम है,
कहते है हरी का द्वार हो,
ले चल भोले गंगा किनारे,
ले चल भोले गंगा किनारे,
देखूँगी चमत्कार हो,
होती है क्यो व्याकुल,
इतनी गणपति की मैया,
बड़ा स्वार्थी संसार,
वहां जाना है बेकार,
तप कर लेन दे कर लेन दे,
नन्दी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया ॥
गौरा रानी ये गंगा धाम तो,
लाखो योजन दूर हो,
तुम तो अंतर्यामी हो भोले,
फिर काहे मजबूर हो,
अच्छा गौरा गंगा धाम अब,
अच्छा गौरा गंगा धाम अब,
हम जाएँगे जरुर हो,
देर नही करो चलो,
ओ भोले सांवरिया,
देखूं सारा संसार,
चले पर्वत के उस पार,
दुनिया देखन दे देखन दे,
नन्दी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया ॥
नंदी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया,
देखूं सारा संसार,
चले पर्वत के उस पार,
दुनिया देखन दे देखन दे,
कलयुग का ये दौर,
गौरा बदली सारी दुनिया,
बड़ा स्वार्थी संसार,
वहां जाना है बेकार,
तप कर लेन दे कर लेन दे,
नन्दी पे बैठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया ॥
भैरव बाबा हिंदू धर्म में भगवान शिव का एक उग्र रूप हैं। उन्हें तांत्रिक शक्ति और रक्षा का प्रतीक माना जाता है। साथ ही वे भक्तों के रक्षक और दुःख हरने वाले भी हैं। काल भैरव को समय और मृत्यु का देवता माना जाता है।
जब शनिवार और त्रयोदशी तिथि एक साथ आती है तो उसे शनि त्रयोदशी कहते हैं। यह एक खास दिन होता है। यह हर महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है।
शनि देव 9 ग्रहों में सबसे धीमी चाल चलने वाले ग्रह हैं। इसी कारण शनि देव 1 राशि में साढ़े सात साल तक विराजमान रहते हैं। इसी वजह से ही राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चलती है।
शनि त्रयोदशी का पर्व शनि देव की पूजा और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए बेहद खास होता है। इस दिन सही तरीके से पूजा करने और खास भोग अर्पित करने से शनि ग्रह के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है।