इस विधि से करें भैरव बाबा की पूजा, ग्रहदोष के साथ दूर होगा मृत्यु भय
भैरव बाबा हिंदू धर्म में भगवान शिव का एक उग्र रूप हैं। उन्हें तांत्रिक शक्ति और रक्षा का प्रतीक माना जाता है। साथ ही वे भक्तों के रक्षक और दुःख हरने वाले भी हैं। काल भैरव को समय और मृत्यु का देवता माना जाता है। वहीं बटुक भैरव को बालक रूप में दर्शाया जाता है और वे भक्तों को आशीर्वाद देने वाले हैं। ग्राम भैरव को गांव का रक्षक माना जाता है और उन्हें गांव के प्रवेश द्वार पर स्थापित किया जाता है।
भैरव बाबा की पूजा आमतौर पर रात के समय की जाती है। उनकी पूजा में तंत्र साधना, यज्ञ शामिल होते हैं। भैरव बाबा को प्रसाद में मांस, शराब और अनाज चढ़ाया जाता है। अब ऐसे में अगर आप कालभैरव बाबा की पूजा कर रहे हैं, तो उनकी पूजा के लिए सामग्री और विधि क्या है। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
कालभैरव बाबा की पूजा के लिए सामग्री क्या है?
आप कालभैरव बाबा की पूजा मंदिर में जाकर करें। इनकी पूजा घर में करना शुभ नहीं माना जाता है।
- काले तिल
- सरसों का तेल
- फल और मिठाई
- पंचामृत
- अगरबत्ती और दीया
- काला कपड़ा
- चंदन
- कुमकुम
कालभैरव बाबा की पूजा विधि क्या है?
- कालभैरव बाबा की पूजा एक शक्तिशाली और पवित्र अनुष्ठान है। यह माना जाता है कि उनकी पूजा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है।
- पूजा शुरू करने से पहले स्नान करके शरीर को शुद्ध करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- कालभैरव मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं और फिर धूप-दीप जलाएं।
- मूर्ति पर पुष्प, बेलपत्र, धतूरा, काले तिल, सरसों का तेल आदि अर्पित करें।
- मूर्ति का गंगाजल से अभिषेक करें।
- सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- कालभैरव मंत्र का जाप करें।
- ॐ कं काल भैरवाय नमः"
- "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं काल भैरवाय नमः
- कालभैरव अष्टक का पाठ करें।
- कालभैरव बाबा को काले तिल, उड़द की दाल, सरसों का तेल, शराब आदि चढ़ाएं।
- कालभैरव बाबा की आरती जरूर करें।
- कालभैरव रात्रि के देवता माने जाते हैं, इसलिए रात के समय उनकी पूजा अधिक फलदायी मानी जाती है।
कालभैरव बाबा की पूजा का महत्व
कालभैरव बाबा, भगवान शिव के उग्र रूप हैं। उन्हें समय और मृत्यु के देवता भी माना जाता है। कालभैरव को संकट मोचन माना जाता है। उनकी पूजा करने से जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है। कालभैरव की पूजा से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से रक्षा होती है। उनकी पूजा से व्यक्ति में आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है। कालभैरव शत्रुओं से रक्षा करने वाले देवता माने जाते हैं। व्यापार और अन्य कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा की जाती है। ग्रह दोषों के प्रभाव को कम करने के लिए भी कालभैरव की पूजा की जाती है।
कालभैरव बाबा की पूजा करने के दौरान मंत्र जाप
- ऊं कालभैरवाय नमः
- ऊं भयहरणं च भैरव:
- ऊं ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं:
- ऊं भ्रं कालभैरवाय फट्:
- ऊं हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः
शास्त्रकार कहते हैं “मननात् त्रायते इति मंत्रः” अर्थात मनन करने पर जो त्राण दे या रक्षा करे वही मंत्र होता है। धर्म, कर्म और मोक्ष की प्राप्ति हेतु प्रेरणा देने वाली शक्ति को मंत्र कहते हैं।
मंत्रों के कई प्रकार होते हैं, जरूरत के हिसाब से इन मंत्रों का उपयोग किया जाता है। मंत्रों के प्रकार और उनके उपयोग से होने लाभों पर नज़र डालें तो आप पाएंगे ये विभिन्न रूपों में हैं।
माता लक्ष्मी, धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी, भक्तों के जीवन में सुख-शांति और वैभव लाने वाली हैं। उनकी पूजा-वंदना से सभी तरह की आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।
हिंदू धर्म में मंत्र जाप का विशेष महत्व है। यह साधना का एक सशक्त माध्यम है, जो साधक को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।