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मोरे उज्जैन के राजा करों किरपा(More Ujjain Ke Raja Karo Kirpa)

मोरे उज्जैन के राजा करों किरपा(More Ujjain Ke Raja Karo Kirpa)

मोरे उज्जैन के राजा करो किरपा ॥

दोहा – महाकाल सो नाम नहीं,

और उज्जैन सो कोई धाम,

करले मेरे महाकाल की भक्ति,

तेरे हो जाए सब काम ॥


मोरे उज्जैन के राजा करो किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥


शीश गंग तन भस्मी धारी,

रूप अनुपम नंदी सवारी,

तेरी शरण में काल भी हारे,

तुम अनंत कई नाम तुम्हारे,

करो किरपा,

मोरें उज्जैन के राजा करो किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥


जिसके मन में शिव ना समाया,

उसने कहाँ फिर शिव को पाया,

फूल नहीं इसलिए भी लाया,

खुद को अर्पण करने आया,

करो किरपा,

मोरें उज्जैन के राजा करो किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥


मैं एक दीपक भोले बाबा,

तुम इस दिप की ज्योति,

तेरे नाम से भगत की बाबा,

दुनिया जगमग होती,

अर्जी सुनो उज्जैन के राजा,

किस्मत मेरी खोटी,

करो किरपा,

मोरें उज्जैन के राजा करो किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥


मोरे उज्जैन के राजा करों किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥

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एकादशी तिथि 2025 में कब-कब पड़ रही?

नए साल 2025 की शुरुआत होने वाली है और हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है जो साधक की हर मनोकामना पूरी करने और पृथ्वी लोक पर स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति करने में मदद करता है।

उपनयन संस्कार 2025 के शुभ मुहूर्त

उपनयन संस्कार, जिसे जनेऊ संस्कार के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में 16 संस्कारों में से 10वां संस्कार है। यह संस्कार पुरुषों में जनेऊ धारण करने की पारंपरिक प्रथा को दर्शाता है, जो सदियों से चली आ रही है।

अभिजीत मुहूर्त 2025

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