मोरे गणपति गणेश करो किरपा ॥
दोहा – मेरा मुझ में कुछ नहीं,
जो कुछ है सब तोय,
तेरा तुझको सौंप दूँ,
प्रभु क्या लागे है मोय ॥
मोरे गणपति गणेश करो किरपा,
मोरे राजा महाराजा करो किरपा,
किरपा करो महाराज गजानन,
माँ गौरा के लाल,
गजानन किरपा,
मोरे गणपति गणेश करों किरपा
मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥
माँ गौरा के लाल हो प्यारे,
शंकर जी की आंखों के तारे,
सबसे पहले तुम को मनाएं,
तुम जो मानो तो गजब हुई जाए,
करो किरपा,
मोरे गणपति गणेश करों किरपा,
मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥
लाल सिंदूर चढ़े गजमुख को,
मूषक की है सवारी,
तेरे दर्शन करने बाबा,
ये दुनिया सब आई,
सब लाए फूलों की माला,
सब लाए फूलों की माला,
मैं आया हूँ खाली बाबा मेरे,
करो किरपा,
मोरे गणपति गणेश करों किरपा,
मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥
मैं नहीं जानू पूजा तेरी,
सुन लेना ओ बाबा मेरी,
बार ही बार करूँ मैं विनती,
सुन लेना एक बार ओ बाबा मेरी,
करो किरपा,
मोरे गणपति गणेश करों किरपा,
मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥
मोरे गणपति गणेश करों किरपा,
मोरे राजा महाराजा करो किरपा,
किरपा करो महाराज गजानन,
माँ गौरा के लाल,
गजानन किरपा,
मोरे गणपति गणेश करों किरपा
मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ महीना साल का ग्यारहवां महीना है। यह महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत खास होता है। हिंदू धर्म में इस महीने को बहुत शुभ माना जाता है। इस दौरान लोग भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा करते हैं।
महाकुंभ 2025 का 13 जनवरी से शुभारंभ हो रहा है। प्रयागराज में इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नागा साधुओं के अखाड़े धीरे-धीरे संगम क्षेत्र में पहुंचने लगे हैं, जबकि श्रद्धालुओं का आगमन भी शुरू हो चुका है।
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फरवरी, साल का दूसरा महीना, अपनी छोटी अवधि के लिए जाना जाता है। इसमें ज्यादातर 28 दिन होते हैं, लेकिन हर चार साल में आने वाले लीप वर्ष में ये 29 हो जाते हैं।