मिशरी से मिठो नाम,
हमारी राधा रानी को,
राधा रानी को,
हमारी श्यामा प्यारी को,
मिशरी ते मिठो नाम,
हमारी राधा रानी को ॥
बाबा है वृषभान कुंवर जी,
मैया कीरति,
बाबा है वृषभान कुंवर जी,
मैया कीरति,
ब्रज में बरसानो धाम,
हमारी राधा रानी को,
मिशरी ते मिठो नाम,
हमारी राधा रानी को ॥
राधा रानी को,
हमारी श्यामा प्यारी को,
मिशरी ते मिठो नाम,
हमारी राधा रानी को ॥
तीन लोक चौदह भवनो की,
स्वामिनी श्यामा जु,
तीन लोक चौदह भवनो की,
स्वामिनी श्यामा जु,
चरणन को चाकर श्याम,
हमारी राधा रानी को,
मिशरी ते मिठो नाम,
हमारी राधा रानी को ॥
राधा रानी को,
हमारी श्यामा प्यारी को,
मिशरी ते मिठो नाम,
हमारी राधा रानी को ॥
राधा राधा जपने से,
भव बाधा कट जाती,
राधा राधा जपने से,
भव बाधा कट जाती,
दुःख दूर करन को काम,
हमारी राधा रानी को,
मिशरी ते मिठो नाम,
हमारी राधा रानी को ॥
राधा रानी को,
हमारी श्यामा प्यारी को,
मिशरी ते मिठो नाम,
हमारी राधा रानी को ॥
ब्रम्हा विष्णु शिव शंकर,
सनकादिक ध्यान धरे,
ब्रम्हा विष्णु शिव शंकर,
सनकादिक ध्यान धरे,
गुण गावे ‘तोताराम’,
हमारी राधा रानी को,
मिशरी ते मिठो नाम,
हमारी राधा रानी को ॥
राधा रानी को,
हमारी श्यामा प्यारी को,
मिशरी ते मिठो नाम,
हमारी राधा रानी को ॥
मिशरी से मिठो नाम,
हमारी राधा रानी को,
राधा रानी को,
हमारी श्यामा प्यारी को,
मिशरी ते मिठो नाम,
हमारी राधा रानी को ॥
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास वर्ष का तीसरा महीना होता है, जो धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। यह मास सूर्य की प्रचंडता और तपस्या के लिए समर्पित होता है।
भारत की परंपराएं अपनी गहराई और आध्यात्मिकता के लिए जानी जाती हैं। इन्हीं परंपराओं में एक प्रमुख स्थान रखता है ‘वट सावित्री व्रत’, जिसे सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-शांति और अखंड सौभाग्य की कामना से करती हैं।
हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, सुखद वैवाहिक जीवन और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए किया जाता है।
वट सावित्री का व्रत पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की सफलता के लिए किया जाने वाला एक पवित्र व्रत है। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाता है।