चाहे सुख हो दुःख हो,
एक ही नाम बोलो जी,
बोलो बोलो बोलो,
जय श्री श्याम बोलो जी,
बोलो बोलो बोलो,
जय श्री श्याम बोलो जी ॥
हारे का सहारा,
तेरा साथ निभाएगा,
जब भी पुकारेगा,
तू सामने पायेगा,
श्याम नाम से इस जीवन में,
अमृत घोलो जी,
बोलो बोलो बोलो,
जय श्री श्याम बोलो जी,
बोलो बोलो बोलो,
जय श्री श्याम बोलो जी ॥
जग को बुलाता दर पे,
तुझे भी बुलाएगा,
जो तू बाबा श्याम जी का,
ध्यान लगाएगा,
खाटू धाम में जाकर अपनी,
किस्मत खोलो जी,
बोलो बोलो बोलो,
जय श्री श्याम बोलो जी,
बोलो बोलो बोलो,
जय श्री श्याम बोलो जी ॥
श्याम की कृपा से ‘आमिर’,
मौज उड़ाएगा,
श्याम नाम की मस्ती में,
झूम झूम गायेगा,
श्याम तुम्हारा होगा तुम भी,
श्याम के हो लो जी,
बोलो बोलो बोलो,
जय श्री श्याम बोलो जी,
बोलो बोलो बोलो,
जय श्री श्याम बोलो जी ॥
चाहे सुख हो दुःख हो,
एक ही नाम बोलो जी,
बोलो बोलो बोलो,
जय श्री श्याम बोलो जी,
बोलो बोलो बोलो,
जय श्री श्याम बोलो जी ॥
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मां दुर्गा के सभी रूपों में काली, कालिका या महाकाली का स्थान बहुत ही खास है। यह दशमहाविद्या में सर्वप्रथम पूजनीय देवी है। काली हिन्दू धर्म की सबसे प्रमुख देवी भी हैं। मृत्यु, काल और परिवर्तन की देवी काली मैया के सबसे विकराल स्वरूपों में से एक है।
जब भी हम माता रानी के विषय में बात करते हैं तो दस महाविद्याओं के बारे में जरूर बात की जाती है। इन दस महाविद्याओं में छिन्नमस्ता या छिन्नमस्तिका या प्रचण्ड चण्डिका भी एक हैं।