मेरी मैया जी कर दो नज़र,
ज़िन्दगी मेरी जाए संवर,
मेरी मईया जी कर दो नज़र ॥
तेरे द्वारे हूँ कबसे खड़ी,
हाथ फूलों की लेकर लड़ी,
आस दिल में है दीदार की,
मैं हूँ प्यासी तेरे प्यार की,
देख दामन ये खाली मेरा,
मेरी मईया जी कर दो नज़र,
ज़िन्दगी मेरी जाए संवर,
मेरी मईया जी कर दो नज़र ॥
है महामाया माँ तार दे,
शारदे शारदे शारदे,
चूम लूँ मैया तेरे चरण,
सारे दुख दर्द हो जा हरण,
बस इतनी कृपा करदे माँ,
तेरी चौखट ही हो मेरा घर,
मेरी मईया जी कर दो नज़र,
ज़िन्दगी मेरी जाए संवर,
मेरी मईया जी कर दो नज़र ॥
तेरे दर की पुजारन रहूं,
मैं सदा ही सुहागन रहूं,
तेरा सिंगार करके सदा,
मांग सिंदूर से मैं भरूं,
माँ की भक्ति में बेनाम की,
ज़िन्दगी सारी जाए गुज़र,
मेरी मईया जी कर दो नज़र,
ज़िन्दगी मेरी जाए संवर,
मेरी मईया जी कर दो नज़र ॥
मेरी मैया जी कर दो नज़र,
ज़िन्दगी मेरी जाए संवर,
मेरी मईया जी कर दो नज़र ॥
सनातन हिंदू धर्म में, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सनातन हिंदू धर्म में कालाष्टमी का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह विशेष दिन काल भैरव बाबा को समर्पित है। यदि कोई साधक इस तिथि पर सच्चे मन से भगवान शिव के रौद्र रूप भैरव बाबा की पूजा करता है।
विश्व के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित षटतिला एकादशी के व्रत का सनातन धर्म के लोगों के लिए विशेष महत्व है।
भगवान अय्यप्पा हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं, जो विशेष रूप से केरल राज्य में पूजे जाते हैं। वे विष्णु और शिव के संयुक्त रूप माने जाते हैं। अय्यप्पा के बारे में कई कथाएं हैं, जो विभिन्न पौराणिक ग्रंथों और धार्मिक कथाओं में बताई जाती हैं।