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महालक्ष्मी जाप करो (Mahalaxmi Jaap Karo)

महालक्ष्मी जाप करो (Mahalaxmi Jaap Karo)

नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते

शंख चक्र गदाहस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते

नमस्ते गरूडारूढे कोलासुर भयंकरि

सर्व पाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते


जग मग जग मग दीप प्रज्ज्वलित

चहुँ ओर है व्याप्त प्रकाश


मंत्रोच्चार से गूँज रहे हैं

खण्ड खण्ड पृथ्वी आकाश


उत्सव है दीपावली

महालक्ष्मी का प्रवास


हारिये ना हिम्मत बिसारिये ना राम

महालक्ष्मी जाप करो सुबह शाम - आठों याम

अष्ट लक्ष्मी जाप करो सुबह शाम - आठों याम


कमल पुष्प पर शोभती अष्टलक्ष्मी माँ

आदि लक्ष्मी, धन लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी माँ

गज लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, धैर्या लक्ष्मी माँ

विजया लक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी अष्ट रुपिणी प्रणाम

भण्डारे भरपूर पुण्य के, भली करेंगे राम


महालक्ष्मी जाप करो सुबह शाम आठों याम

अष्ट लक्ष्मी जाप करो सुबह शाम आठों याम


रिद्धि सिद्धि की स्वामिनी कष्ट निवारिणी माँ

पापाम मुक्ति दायिनी जग उद्धारिणी माँ

सुख शान्ति शुभ लाभ की देवी

करुणा प्रवाहिनी माँ

धूपम दीपम समर्प्यामी, ज्योतिर्मय हर धाम


महालक्ष्मी जाप करो सुबह शाम आठों याम

अष्ट लक्ष्मी जाप करो सुबह शाम आठों याम

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अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी को लगाएं ये भोग

अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। यह तिथि अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाती है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।

अक्षय तृतीया पर मिलता है अक्षय वरदान

हिंदू संस्कृति में कुछ दिन इतने शुभ माने जाते हैं कि उन दिनों किसी शुभ कार्य के लिए विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है, और अक्षय तृतीया भी उन्हीं तिथियों में से एक मानी जाती है। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी।

अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना क्यों शुभ

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है और इस साल अक्षय तृतीया का पर्व विशेष रूप से 30 अप्रैल को मनाया जाएगा।

अक्षय तृतीया पूजा विधि

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर किए गए पुण्य कर्म, दान और पूजा का फल अक्षय (अविनाशी) होता है।

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