कुमार मैने देखे,
सुंदर सखी दो कुमार ।
कुमार मैने देखे,
सुंदर सखी दो कुमार ।
हाथों में फूलों का दौना भी सोहे
सुंदर गले में सोहे हार,
कुमार मैने देखे ।
॥ कुमार मैने देखे, सुंदर...॥
सुंदर सलौने बांके रसीले
मोह लिए नर नारी,
कुमार मैने देखे ।
॥ कुमार मैने देखे, सुंदर...॥
मुनियों का यज्ञ इन्होंने रचाया
दीनो की सुनते पुकार,
कुमार मैने देखे ।
॥ कुमार मैने देखे, सुंदर...॥
भक्तों के जीवन, संतों के प्यारे
सब के हैं प्राण आधार,
कुमार मैने देखे ।
॥ कुमार मैने देखे, सुंदर...॥
करुणा के सागर, दशरथ के दुलारे
सब इनसे करते हैं प्यार,
कुमार मैने देखे ।
॥ कुमार मैने देखे, सुंदर...॥
पल भर में अपने, चरणों की रज से
नारी अहिल्या दी तार,
कुमार मैने देखे ।
॥ कुमार मैने देखे, सुंदर...॥
कुमार मैने देखे,
सुंदर सखी दो कुमार ।
कुमार मैने देखे,
सुंदर सखी दो कुमार ।
चटक रंग में, मटक रंग में,
धनीलाल रंग में, गोपाल रंग में ।
चौसठ जोगणी रे भवानी,
देवलिये रमजाय,
कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय
बन परदेशिया जे गइल शहर तू
बिसरा के लोग आपन गांव के घर तू