जरा धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले,
जरा हलके गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले,
जरा हौले हौले गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले ॥
है जी गाड़ी म्हारी रंग रंगीली,
पहिया है लाल गुलाल,
गाड़ी म्हारी रंग रंगीली,
पहिया है लाल गुलाल,
हाकण वाली छेल छबीली,
बैठण वालो राम,
रे भैया धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले ॥
है जी गाड़ी अटकी रेत में,
म्हारी मजल पड़ी है दूर,
गाड़ी अटकी रेत में,
मेरी मजल पड़ी है दूर,
धर्मी धर्मी पार उतर गया,
पापी चकना चूर,
रे भैया धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले ॥
है जी देस देस का वेद बुलाया,
लाया जड़ी और बूटी,
देस देस का वेद बुलाया,
लाया जड़ी और बूटी,
जड़ी बूटी तेरे काम ना आई,
जब राम के घर की टूटी,
धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले ॥
है जी चार जणा मिल माथे उठायो,
बाँधी कांठ की घोड़ी,
चार जणा मिल माथे उठायो,
बाँधी कांठ की घोड़ी,
ले जाके मरघट पे रखदि,
फूंक दीन्ही जस होरी,
रे भैया धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले। ॥
बिलख बिलख कर तिरिया रोवे,
बिछड़ गई मेरी जोड़ी,
बिलख बिलख कर तिरिया रोवे,
बिछड़ गई मेरी जोड़ी,
कहे कबीर सुनो भई साधु,
जिन जोड़ी तीन तोड़ी,
रे भैया धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले ॥
जरा धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले,
जरा हलके गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले,
जरा हौले हौले गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले। ॥
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस तिथि को पितरों की शांति और मोक्ष के लिए उत्तम दिन माना जाता है। इस दिन किए गए तर्पण, पिंडदान और पूजा से पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।
भारतीय ज्योतिषशास्त्र में पितृ दोष को एक ऐसा महत्वपूर्ण योग माना गया है, जो जातक के जीवन में अनेक बाधाएं उत्पन्न करता है।
वास्तु शास्त्र प्रकृति और मानव जीवन के बीच सामंजस्य स्थापित करने वाला प्राचीन विज्ञान है। जब किसी भवन या स्थान में वास्तु के सिद्धांतों का पालन नहीं होता, तो वहां नकारात्मक ऊर्जा या समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सौंदर्य, प्रेम, कला, विलासिता और भौतिक सुख-सुविधाओं का प्रतीक माना गया है। अगर कुंडली में शुक्र कमजोर या अशुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति को रिश्तों में तनाव, आर्थिक अस्थिरता और सौंदर्य से जुड़ी समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं।