मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,
मैं तो पहनुँगी जोगन का चोला,
वो है पारस महादेव भोला,
चरण छु कर मैं कुंदन बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,
मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी,
नही मिलते है अनुरागियों को,
शिव तो मिलते है बैरागियो को,
मैं भी उनकी बैरगान बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,
मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,
करके जी जान से उसकी भक्ति,
शिव से माँगूंगी नारी की मुक्ति,
नारी जाती का दर्पण बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,
मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,
मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी
हिंदू धर्म में चंद्रमा को देवता समान माना जाता है और उनकी पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। चंद्र दर्शन का विशेष महत्व अमावस्या के बाद पहली बार चंद्रमा के दर्शन करने से जुड़ा हुआ है।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत महादेव और माता पार्वती को समर्पित है।
प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को समर्पित है। इस दिन व्रत और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।
प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को समर्पित है। इस दिन व्रत और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।