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श्री शिवमङ्गलाष्टकम्

श्री शिवमङ्गलाष्टकम्

भवाय चन्द्रचूडाय निर्गुणाय गुणात्मने ।

कालकालाय रुद्राय नीलग्रीवाय मङ्गलम् ॥ १ ॥


वृषारूढाय भीमाय व्याघ्रचर्माम्बराय च ।

पशूनां पतये तुभ्यं गौरीकान्ताय मङ्गलम् ॥ २ ॥


भस्मोद्धूलितदेहाय व्यालयज्ञोपवीतिने ।

रुद्राक्षमालाभूषाय व्योमकेशाय मङ्गलम् ॥ ३ ॥


सूर्यचन्द्राग्निनेत्राय नमः कैलासवासिने ।

सच्चिदानन्दरूपाय प्रमथेशाय मङ्गलम् ॥ ४ ॥


मृत्युंजयाय सांबाय सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे ।

त्र्यंबकाय सुशान्ताय त्रिलोकेशाय मङ्गलम् ॥ ५ ॥


गंगाधराय सोमाय नमो हरिहरात्मने ।

उग्राय त्रिपुरघ्नाय वामदेवाय मङ्गलम् ॥ ६ ॥


सद्योजाताय शर्वाय दिव्यज्ञानप्रदायिने ।

ईशानाय नमस्तुभ्यं पञ्चवक्त्राय मङ्गलम् ॥ ७ ॥


सदाशिवस्वरूपाय नमस्तत्पुरुषाय च ।

अघोरायच घोराय महादेवाय मङ्गलम् ॥ ८ ॥


मङ्गलाष्टकमेतद्वै शंभोर्यः कीर्तयेद्दिने ।

तस्य मृत्युभयं नास्ति रोगपीडाभयं तथा ॥ ९ ॥


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शीश गंग अर्धंग पार्वती (Sheesh Gang Ardhang Parvati)

शीश गंग अर्धंग पार्वती,
सदा विराजत कैलासी ।

सोमवती अमावस्या पर पितृ चालीसा का पाठ

साल 2024 की पौष माह की अमावस्या सोमवार, 30 दिसंबर को पड़ रही है। यह साल 2024 की आखिरी अमावस्या होने वाली है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर भगवान शिव की पूजा का विधान है।

पार करो मेरा बेडा भवानी - नवरात्रि भजन (Paar Karo Mera Beda Bhavani)

पार करो मेरा बेडा भवानी,
पार करो मेरा बेडा।

देव गुरु बृहस्पति की पूजा विधि?

हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है। उसी प्रकार, गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति देव का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से बृहस्पति की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

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