जन्म उत्सव आपका हम,
आज मनाएंगे,
झूमेंगे नाचेंगे हम,
खुशियां मनाएंगे,
की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,
कन्हैया हैप्पी बर्थडे,
की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,
कन्हैया हैप्पी बर्थडे ॥
चंदन की चौकी पे हम,
कान्हा तुम्हे बिठाएंगे,
गंगा के पावन जल से,
कान्हा तुम्हे नहलाएंगे,
भावो के पुष्पों से हम,
कान्हा तुम्हे सजाएंगे,
नजर कहीं ना लग जाए,
काला टिका लगाएंगे,
श्रृंगार बड़ा ही पावन है,
लगता ये बड़ा मनभावन है,
केसरिया बागा तुम्हे,
कान्हा पहनाएंगे।
झूमेंगे नाचेंगे हम,
खुशियां मनाएंगे,
की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,
कन्हैया हैप्पी बर्थडे,
की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,
कन्हैया हैप्पी बर्थडे ॥
रंगो और गुब्बारों से,
हम दरबार सजाएंगे,
मेवे और मलाई का,
कान्हा केक बनाएंगे,
चॉकलेट टॉफियां लाएंगे,
खुशियों के दीप जलाएंगे,
छोटे छोटे हाथों से,
तुम्हे केक खिलाएंगे।
झूमेंगे नाचेंगे हम,
खुशियां मनाएंगे,
की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,
कन्हैया हैप्पी बर्थडे,
की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,
कन्हैया हैप्पी बर्थडे ॥
स्वर्ग से देवी देव भी,
सेलिब्रेशन में आए है,
अपने संग में सांवरे,
गिफ्ट पैक भी लाए है,
उपहार प्रेम का जो लाए,
कान्हा के मन को वो भाए,
भजनो का एक पुष्प ‘मोहित’,
चरणों में चढ़ाएंगे ॥
झूमेंगे नाचेंगे हम,
खुशियां मनाएंगे,
की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,
कन्हैया हैप्पी बर्थडे,
की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,
कन्हैया हैप्पी बर्थडे ॥
जन्म उत्सव आपका हम,
आज मनाएंगे,
झूमेंगे नाचेंगे हम,
खुशियां मनाएंगे,
की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,
कन्हैया हैप्पी बर्थडे,
की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,
कन्हैया हैप्पी बर्थडे ॥
महाकुंभ 2025 की शुरुआत में अब 1 महीने से भी कम समय बचा है। शाही स्नान के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। प्रयागराज का त्रिवेणी संगम हिंदु धर्म के सबसे बड़े समागम के लिए तैयार है।
प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से होने जा रही है। अखाड़ों के साधु-संतों का पहुंचना जारी है। वहीं आम लोग भी संगम नगरी प्रयागराज पहुंच रहे हैं। इनमें कई ऐसे भी है , जो त्रिवेणी संगम पर कल्पवास करने के लिए आए हैं।
प्रयागराज हिंदू धर्म के सबसे तीर्थ स्थलों में गिना जाता है। यहां माघ महीने में कल्पवास करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस बार माघ माह महाकुंभ के दौरान पड़ रहा है।
हिंदू धर्म में हल्दी को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। हल्दी के बिना कोई भी धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में हल्दी का संबंध देवगुरु बृहस्पति से बताया गया है। इतना ही नहीं किसी भी पूजा-पाठ में हल्दी सबसे महत्वपूर्ण सामग्री मानी जाती है।