हरि सुंदर नंद मुकुंदा
हरि नारायण हरि ॐ
हरि सुंदर नंद मुकुंदा
हरि नारायण हरि ॐ
हरि केशव हरि गोविंद
हरि नारायण हरि ॐ
हरि केशव हरि गोविंद
हरि नारायण हरि ॐ
हरि सुंदर नंद मुकुंदा
हरि नारायण हरि ॐ
हरि केशव हरि गोविंद
हरि नारायण हरि ॐ
हरि केशव हरि गोविंद
हरि नारायण हरि ॐ
हरि सुंदर नंद मुकुंदा
हरि नारायण हरि ॐ
वन्माली मुरलीधारी
गोवर्धन गिरिवर्धारी
वन्माली मुरलीधारी
गोवर्धन गिरिवर्धारी
नित नित कर माखन चोरी
गोपी मन हारी
आओ रे गाओ रे गोकुल के प्यारे
आओ रे कान्हा रे गोकुल के प्यारे
आओ रे नाचो रे रास रचाओ रे
गाओ रे नाचो रे रास रचाओ रे
हरि सुंदर नंद मुकुंदा
हरि नारायण हरि ॐ
हरि केशव हरि गोविंद
हरि नारायण हरि ॐ
हरि केशव हरि गोविंद
हरि नारायण हरि ॐ
हरि सुंदर नंद मुकुंदा
हरि नारायण हरि ॐ
हे मोर मुकुट गिरधारी
कान्हा पीताम्भर धारी
हे मोर मुकुट गिरधारी
कान्हा पीताम्भर धारी
गोपियाँ संग रास रचाये
मोहन मुरली धारी
आओ रे आओ रे मोहन गिरधारी
आओ रे कान्हा रे हे कृष्णा मुरारी
आओ रे नाचो रे रास रचाओ रे
गाओ रे नाचो रे रास रचाओ रे
हरि सुंदर नंद मुकुंदा
हरि नारायण हरि ॐ
हरि केशव हरि गोविंद
हरि नारायण हरि ॐ
हरि केशव हरि गोविंद
हरि नारायण हरि ॐ
हरि सुंदर नंद मुकुंदा
हरि नारायण हरि ॐ
हरि सुंदर नंद मुकुंदा
हरि नारायण हरि ॐ
दुर्गा पूजा पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है। लेकिन पश्चिम बंगाल में इसका महत्व अलग ही होता है। यहां दुर्गापूजा केवल 09 दिनों का एक त्योहार नहीं, बल्कि पूरे वर्ष भर के उल्लास और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
तमिलनाडु में नवरात्रि का त्योहार बेहद खास और अनोखे तरीके से मनाया जाता है जिसे 'गोलू' परंपरा के नाम से जाना जाता है। जहां एक तरफ उत्तर और पश्चिम भारत में नवरात्रि को डांडिया और दुर्गा पूजा से जोड़ा जाता है।
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