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हमारे भोले बाबा को, मना लो जिसका दिल चाहे (Hamare Bhole Baba Ko Mana Lo Jiska Dil Chahe)

हमारे भोले बाबा को, मना लो जिसका दिल चाहे (Hamare Bhole Baba Ko Mana Lo Jiska Dil Chahe)

हमारे भोले बाबा को,

मना लो जिसका दिल चाहे,

है भोले प्रेम के भूखे,

लुटा लो जिसका दिल चाहे,

हमारे भोलें बाबा को,

मना लो जिसका दिल चाहे ॥


माथे पर चंद्रमा सोहे,

गले में सर्पों की माला,

लटों बह रही गंगा,

नहा लो जिसका दिल चाहे,

हमारे भोलें बाबा को,

मना लो जिसका दिल चाहे ॥


भोले के अंग भभूति है,

कमर में मृग छाला है,

हाथ में डम डम डमरू है,

बजा लो जिसका दिल चाहे,

हमारे भोलें बाबा को,

मना लो जिसका दिल चाहे ॥


भोले की नंदी की सवारी,

बगल में गौरा महतारी,

गोद में गणपति लाला,

खिला लो जिसका दिल चाहे,

हमारे भोलें बाबा को,

मना लो जिसका दिल चाहे ॥


हमारे भोले बाबा को,

मना लो जिसका दिल चाहे,

है भोले प्रेम के भूखे,

लुटा लो जिसका दिल चाहे,

हमारे भोलें बाबा को,

मना लो जिसका दिल चाहे ॥

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रामनवमी पर रामलला की पूजा विधि

देशभर में रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इसलिए, राम भक्त पूरे साल इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।

रामनवमी की पौराणिक कथा

सनातन धर्म में श्रीराम का विशेष महत्व है। इसलिए हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष के नौवें दिन श्रीराम के निमित्त रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था।

होलिका दहन पूजा विधि

होली का त्योहार एकता, आनंद और परंपराओं का एक भव्य उत्सव है। इसलिए, इसकी धूम पूरी दुनिया में है। दिवाली के बाद यह दूसरे सबसे महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में जाना जाता है।

नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि

नवरात्रि माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पावन पर्व है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसे बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है। एक वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं—चैत्र, आषाढ़, माघ और शारदीय नवरात्र।

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