दर्शन की प्यासी नजरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥
खप्पर वाली माँ जगदम्बा,
चंडी ज्वाला अम्बा अम्बा,
ओढ़े लाल चुनरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥
रण में महिषासुर को मारे,
माँ का शेरा जब हुंकारे,
दीखे लाल नज़रिया,
मैया लीजे खबरिया ॥
खंज़र चक्र त्रिशूल संभाले,
लाल नयन और जीभ निकाले,
चुनरी रंग केसरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥
गाते गुण माँ भगत तुम्हारे,
आन बसों माँ हृदय हमारे,
‘राजेन्द्र’ की सुनलो अरज़िया,
मैया लीजे खबरिया ॥
दर्शन की प्यासी नजरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥
ज्ञान का दान ही, सबसे बड़ा हैं
जिसे कोई न लूटे
घुमतड़ा घर आवो,
ओ म्हारा प्यारा गजानन,
हार गया हूँ जग से बाबा,
मुझको गले लगा लो तुम,
प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालो,
गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,