जादू द्वारा से सिरसागंज शहर की ओर जाते हुए महादेव के महाकालेश्वर मंदिर के अत्यंत निकट रुद्र के अवतार श्री हनुमंत लाल के बाल स्वरूप को समर्पित श्री बालाजी सिरसागंज के नाम से प्रसिद्ध है। मूल मंदिर अब से लगभग 70 से 80 वर्ष पूर्व माना जाता है, जिसका नवीनीकरण सन् 2020 में संपन्न हुआ है। श्री शिव दाम एव संतोषी माता का मंदिर अभी भी मूल मंदिर में ही स्थापित हैं। से मंदिर हनुमान जी को समर्पित है।
इस मंदिर का निर्माण एक स्थानीय व्यापारी ने करवाया था। बालाजी सिरसागंज मंदिर शहर के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है। यहां पर श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं और भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करते हैं। इस मंदिर की वास्तुकला बहुत ही सुंदर और आकर्षक है। मंदिर में हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थापित है।
बुढ़वा मंगल मंदिर का सबसे लोकप्रिय त्योहार है, जिसके अंतर्गत मंदिर में हवन एवं रामायण का पाठ कराया जाता है। मंदिर में बुढ़वा मंगल के साथ-साथ हनुमान जयंती एवं रामनवमी त्योहार भी बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं।
हवाई मार्ग - यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा आगरा का पंडित दीन दयाल उपाध्याय एयरपोर्ट है। यहां से आप बस या टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग - यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन शिकोहाबाद है। यहां से आप टैक्सी से मंदिर पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग - सिरसागंज पहुंचने के लिए सड़क मार्ग की अच्छी सुविधा है। आप आसानी से कही से भी मंदिर पहुंच सकते हैं।
मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!
लोचन मन में जगह न हो तो
मुझे चरणों से लगाले,
मेरे श्याम मुरली वाले ।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो पक्ष होते हैं । पहला कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। प्रत्येक पक्ष की अवधि 15 दिन की होती है।
प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा को समर्पित एक पवित्र दिन है। इसे हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।