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मां कंकाली मंदिर, सासनी, उत्तर प्रदेश (Maa Kankali Temple, Sasni, Uttar Pradesh)

मां कंकाली मंदिर, सासनी, उत्तर प्रदेश (Maa Kankali Temple, Sasni, Uttar Pradesh)

खुदाई में मिली थी मां कंकाली देवी की प्रतिमा, दर्शन के लिए उमड़ती है भक्तों की भीड़


परिचय:


आगरा-अलीगढ़ हाईवे के पास सासनी कस्बे से 3 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर मां कंकाली के चमत्कारी दरबार के रूप में प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है, खासकर वे जो संतान सुख की कामना लेकर आते हैं। मन्नत पूरी होने पर भक्त मां के दरबार में चांदी के सतिये चढ़ाने आते हैं।

मंदिर का नाम ‘कंकाली’ कैसे पड़ा, इस बारे में अलग-अलग मान्यताएं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि मंदिर की दीवारों पर कंकड़ जैसे निशान हैं, जिनके कारण इसे यह नाम मिला।

यहां से गुजरने में डरते थे लोग


कई दशक पहले इस क्षेत्र को ‘एक्सीडेंट पॉइंट’ के नाम से जाना जाता था क्योंकि यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती थीं। लोगों को इस रास्ते से गुजरने में भय लगता था।

मान्यता है कि एक बार एक बाबा ने स्वप्न में देखा कि इस स्थान पर मां काली की प्रतिमा दबी हुई है। उन्होंने बताया कि अगर यहां मां की स्थापना कर दी जाए, तो यह स्थान सुरक्षित हो जाएगा। इसके बाद मंदिर की स्थापना हुई और क्षेत्र में शांति लौट आई।

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बता दो कोई माँ के भवन की राह (Bata Do Koi Maa Ke Bhawan Ki Raah)

बता दो कोई माँ के भवन की राह ॥

बता मेरे भोले बाबा रे, तेरी कैसे महिमा गाऊं (Bata Mere Bhole Baba Re Teri Kaise Mahima Gaun)

बता मेरे भोले बाबा रे,
तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥

बता मेरे यार सुदामा रै (Bata Mere Yaar Sudama Re)

बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।

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बताओ कहाँ मिलेगा श्याम ।
चरण पादुका लेकर सब से पूछ रहे रसखान ॥

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