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बालाजी ने ध्याले तू: भजन (Balaji Ne Dhyale Tu)

बालाजी ने ध्याले तू: भजन (Balaji Ne Dhyale Tu)

मंगलवार शनिवार,

बालाजी ने ध्याले तू,

थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,

मन का चाया पाले तू ॥


संकट मोचन संकट हारी,

सारी दुनिया बोले है,

बड़ा बड़ा राजा महाराजा,

आके दर पर डोले है,

राम राम से रीझे है यो,

राम राम बस गा ले तू,

थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,

मन का चाया पाले तू ॥


तुरता फुर्ती काम पटावे,

भगत की पीड़ा काटे है,

शरण पड़या ने बालाजी,

कदे भी नहीं नाटे है,

जद बजरंगबली है सागे,

फिर क्यों चिंता पाले तू,

थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,

मन का चाया पाले तू ॥


लाल लंगोटो हाथ में सोटो,

सेठ मोटो मोटो है,

भरया रवे भंडार ऐके,

कदे ना होवे टोटो है,

‘श्याम’ कहे है सांची महिमा,

बालाजी की गा ले तू,

थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,

मन का चाया पाले तू ॥


मंगलवार शनिवार,

बालाजी ने ध्याले तू,

थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,

मन का चाया पाले तू ॥

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जानें त्रिपुर भैरवी की महिमा

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन मां भगवती त्रिपुर भैरवी की जयंती मनाई जाती है। यह दिन मां त्रिपुर भैरवी की उत्पत्ति के रूप में मनाया जाता है जो शक्ति और साधना की प्रतीक हैं।

त्रिपुर भैरवी जयंती पर कौन सा पाठ करें?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल त्रिपुर भैरवी जयंती 15 दिसंबर को मनाई जाएगी। यह दिन मां काली को समर्पित है, जो शक्ति और सामर्थ्य की प्रतीक हैं। मां काली की पूजा शास्त्रों में बहुत ही फलदायी मानी गई है।

बुधदेव की पूजा किस विधि से करें?

ज्योतिष शास्त्र में बुधदेव को सभी ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है और इन्हें ज्ञान, वाणी, बुद्धि और व्यापार का कारक माना जाता है।

Radhe Radhe Japo Chale Aayenge Bihari (राधे जपो चले आएँगे बिहारी)

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी,
राधे राधे रटो चले आएँगे बिहारी,

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