हिंदू धर्म में बृहस्पतिवार का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन बृहस्पति देव, जो कि ज्ञान, शिक्षा, और बौद्धिकता के देवता हैं, को समर्पित होता है। बृहस्पतिवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है, और इसे विशेष रूप से ज्ञान, शिक्षा, और शुभ कार्यों से संबंधित दिन माना जाता है। बृहस्पति देव को गुरु ग्रह भी कहा जाता है। वे देवताओं के गुरु माने जाते हैं और उनका संबंध शिक्षा, बुद्धि, और धार्मिक ज्ञान से है। इस दिन को उनके आशीर्वाद के रूप में शुभ माना जाता है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि, और बौद्धिक उन्नति प्राप्त होती है। अब ऐसे में भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने के बारे में जानते हैं।
बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। इस दिन पूजा के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से जानते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, धन-वैभव और शांति बनी रहती है।
बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें।
भगवान विष्णु को धन और समृद्धि का देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से जीवन में आर्थिक स्थिरता और समृद्धि आती है। भगवान विष्णु की पूजा से मन को शांति और स्थिरता मिलती है। भगवान विष्णु की पूजा से पूर्व जन्म के पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की भक्ति और पूजा से मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
अपरा एकादशी का व्रत जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा का दिन होता है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु के समर्पण और कृपा प्राप्त करने के सर्वोत्तम दिन के रूप में जाना जाता है।
इस साल अपरा एकादशी 23 मई 2025 को मनाई जाएगी। यह तिथि विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है।
प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। इस साल आने वाला ‘शनि प्रदोष व्रत’ शनिवार, 24 मई को मनाया जाएगा। यह विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है, क्योंकि यह ‘शिव योग’ में पड़ रहा है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाने वाली ‘मासिक शिवरात्रि’ भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली व्रत माना जाता है।