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शाही स्नान करने के बाद क्या उपाय करें

शाही स्नान करने के बाद क्या उपाय करें

MahaKumbh 2025: शाही स्नान के बाद क्या करना चाहिए, ये 5 उपाय करने से होगा लाभ


महाकुंभ हिंदू धर्म के सबसे बड़े समागमों में से एक है। 13 फरवरी से प्रयागराज में इसकी शुरुआत होने जा रही है। ये 45 दिनों तक चलेगा और 26 फरवरी को शिवरात्रि के मौके पर खत्म होगा। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु और साधु संत शाही स्नान करने के लिए संगम पहुचेंगे। माना जाता है कि शाही स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही नहीं इससे रोग भी दूर रहते हैं। हालांकि शाही स्नान के बाद कुछ उपायों को अपनाने से इसका प्रभाव और अधिक सकारात्मक हो सकता है। ये उपाय न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होते हैं, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माने जाते हैं। चलिए आर्टिकल के जरिए आपको उन उपायों के बारे में बताते हैं।


शाही स्नान के बाद अपनाएं उपाय


1. सूर्य को अर्घ्य दें

सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। ये आपके जीवन के लिए ऊर्जा के स्त्रोत के साथ सफलता और समृद्धि का भी प्रतीक होता है।  इसलिए शाही स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देना लाभकारी माना जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि जब आप सूर्य को अर्घ्य दे रहे हो,  तो उस दौरान सूर्य के मंत्रों का भी जाप करें। इससे जीवन में धन और बुद्धि की वृद्धि होगी।


2. दान और सेवा करें

शाही स्नान के बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, या धन का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है।  इससे सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। साथ ही कर्मों का संतुलन बनता है। इससे ग्रहों के अशुभ प्रभाव भी कम होते है और जीवन की कई समस्याएं कम हो जाती है।


3.भगवान विष्णु और तुलसी का पूजन करें

शाही स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें और तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें।  इसके साथ ही जल चढ़ाते समय  'ऊं नमो नारायणाय' मंत्र का 108 बार जाप करें। यह उपाय करने से आपके घर में खुशहाली बनी रहेगी। साथ ही आपको आर्थिक समस्याओं से भी राहत मिलेगी।


4.पवित्र भोजन का सेवन करें

शाही स्नान के बाद सात्विक और पवित्र भोजन ग्रहण करें। इससे शरीर और मन शुद्ध रहेगा। इसके अलावा शाही स्नान के बाद मांस, मदिरा और अन्य तामसिक पदार्थों से परहेज करें। ऐसा करने से अशुद्धि आती है।


5.योग और ध्यान करें

शाही स्नान के बाद योग और ध्यान करने से शरीर की शुद्धि होती है। मन शांत होता है और सकारात्मक विचार आते हैं। इसलिए शाही स्नान के बाद इस उपाय को करना बेहद लाभकारी माना जाता है।


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माघ माह में कैसे करें गंगा स्नान?

हिंदू धर्म में माघ माह का विशेष महत्व है। इस साल 14 जनवरी से माघ माह शुरू हो रहा है। माघ माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के पहले दिन से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक चलता है।

मकर संक्रांति पुण्य काल

2025 में, मकर संक्रांति विशिष्ट योग में 14 जनवरी को मनाई जाएगी। 14 जनवरी को सुबह 8 बजकर 41 मिनट पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। ऐसे में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक स्नान-ध्यान और दान का शुभ मुहूर्त रहेगा।

माघ महीने में कब और क्यों मनाई जाती है कुंभ संक्रांति?

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तिलकुट चौथ की पूजा सामग्री

सकट चौथ व्रत मुख्यतः संतान की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और तरक्की की कामना के लिए रखा जाता है। इस पर्व को गौरी पुत्र भगवान गणेश और माता सकट को समर्पित किया गया है। इसे भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे:- तिलकुट चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ।

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