Logo

कान छेदने के मुहूर्त

कान छेदने के मुहूर्त

यहां जानिए नवंबर-दिसंबर 2024 में कर्णवेध या कान छेदने के सबसे शुभ मुहूर्त


हिंदू धर्म में मानव जीवन में कुल 16 संस्कारों का बहुत अधिक महत्व है इन संस्कारों में नौवां संस्कार कर्णवेध या कान छेदने का संस्कार।  इसे कान छेदन संस्कार भी कहा जाता हैं। शास्त्रों के अनुसार कान छेदन संस्कार संपन्न होने के बाद बच्चे की सुनने की क्षमता का विकास होता है और उसके स्वास्थ्य में उन्नति होती है। लेकिन बाकी सभी संस्कारों की तरह यह भी एक विशेष और शुभ मुहूर्त में किया जाने वाला कार्य है। तो चलिए कर्णवेध संस्कार 2024 में कब-कब किया जा सकता है जानते हैं इस लेख में।


कर्णवेध संस्कार 2024 की तारीखें और शुभ मुहूर्त


  • 20 नवंबर 2024 - सुबह 11.25 - शाम 04
  • 21 नवंबर 2024 - सुबह 07.20 - सुबह 09.17
  • 27 नवंबर 2024 - सुबह 07.25 - दोपहर 12.40


दिसंबर 2024 कर्णवेध संस्कार मुहूर्त

  • 1 दिसंबर 2024 - दोपहर 12.24 - दोपहर 03.17
  • 6 दिसंबर 2024 - सुबह 07.32 - दोपहर 12.05
  • 7 दिसंबर 2024 - सुबह 8.14 - दोपहर 01.28
  • 11 दिसंबर 2024 - सुबह 07.35 - सुबह 07.59
  • 12 दिसंबर 2024 - सुबह 07.36 - सुबह 09.59
  • 15 दिसंबर 2024 - सुबह 07.43 - सुबह 11.29
  • 23 दिसंबर 2024 - दोपहर 12.25 - शाम 05.21
  • 25 दिसंबर 2024 - सुबह 07.43 - सुबह 10.50
  • 28 दिसंबर 2024 - दोपहर 03.06 - शाम 07.16


कर्ण छेदन कब होता है 


उपनयन संस्कार से पहले बच्चे के जन्म के 10वें, 12वें, 16वें दिन कर्ण छेदन संस्कार संपन्न किया जाता है। अगर इन दिनों में किसी कारण वश नहीं कर पाएं तो छठवें, सातवें, आठवें महीने में इसे संपन्न करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार इस दौरान बालक का पहले दाहिना कान छेदा जाता है वहीं कन्या का बायां कान छेदने का नियम है।


कान छेदने के यह भी नियम 


  • कर्ण छेदन संस्कार मंदिर या घर में किया जाना चाहिए।
  • बच्चे को स्नान कराएं, नए कपड़े पहनाएं।
  • माता-पिता पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें और बच्चे को गोद बैठाएं
  • कर्णछेदन संस्कार समारोह में सबसे पहले देवी-देवताओं का आवाहन करें।
  • विधि विधान से संस्कार पूर्ण करवाने के बाद 
  • बच्चे के कान में सोने या चांदी का तार पहनाएं ।

........................................................................................................
लाल लाल चुनरी सितारो वाली (Laal Laal Chunari Sitaron Wali)

लाल लाल चुनरी सितारों वाली,
सितारो वाली,

लाली लाली लाल चुनरियाँ (Laali Laali Laal Chunariya)

लाली लाली लाल चुनरियाँ,
कैसे ना माँ को भाए ॥

लचकि लचकि आवत मोहन (Lachaki Lachaki Awat Mohan)

लचकि लचकि आवत मोहन,
आवे मन भावे

लड्डू गोपाल मेरा, छोटा सा है लला मेरा (Laddu Gopal Mera Chota Sa Hai Lalaa)

लड्डू गोपाल मेरा, लड्डू गोपाल ।
छोटा सा है लला मेरा, करतब करे कमाल,

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang