Logo

गंगा दशहरा पर चालीसा पाठ

गंगा दशहरा पर चालीसा पाठ

Ganga Dussehra Chalisa: गंगा दशहरा पर करें इस चालीसा का पाठ, सभी पापों से मिलेगी मुक्ति

गंगा दशहरा का पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह पर्व 5 जून को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। इसी कारण यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जाती है और विशेष पूजा-अनुष्ठान के लिए उपयुक्त होती है।

गंगा दशहरा पर करें गंगा चालीसा का पाठ 

गंगा दशहरा के दिन गंगा चालीसा का पाठ करना शास्त्रों में विशेष रूप से पुण्यदायी बताया गया है। गंगा चालीसा मां गंगा की महिमा का गुणगान करती है और उनके भक्तों को पापों से मुक्त करती है। विशेषकर इस दिन जब स्नान, दान और पूजा के साथ गंगा चालीसा का पाठ किया जाए, तो इसका प्रभाव कई गुना अधिक हो जाता है। इस पाठ से न केवल आत्मा की शुद्धि होती है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक शांति भी प्राप्त होती है।

गंगा चालीसा के प्रमुख श्लोक और उनके अर्थ 

गंगा चालीसा में अनेक प्रभावशाली श्लोक हैं जिनका मात्र उच्चारण करने से वातावरण शुद्ध हो जाता है। उदाहरण के लिए:

  • ‘हरिपाद पाद्य तरंगिणि गंगे’ इस श्लोक का अर्थ है कि हे गंगा, आप भगवान विष्णु के चरणों से उत्पन्न हुई हैं। आपका जल स्वयं भगवत्स्वरूप है।
  • ‘मातर्गंगे त्वयि यो भक्तः’ इस श्लोक का अर्थ है कि हे माता गंगे, जो भी आपके सच्चे भक्त हैं, उन्हें यमराज भी कष्ट नहीं दे सकते।
  • ‘पतितोद्धारिणि जाह्नवि गंगे’ इस श्लोक का अर्थ है कि हे जाह्नवि गंगे, आप पतितों का उद्धार करने वाली हैं और संसार के पापों का नाश करती हैं।

गंगा चालीसा पाठ की विधि 

  • सुबह स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
  • गंगा जल से अभिषेक करें।
  • मां गंगा की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर चालीसा का पाठ करें।
  • पाठ के अंत में आरती करें और प्रसाद वितरण करें।

गंगा चालीसा का हर रोज पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में पवित्रता, संयम, और संतुलन आता है, लेकिन विशेषकर गंगा दशहरा पर इसका पाठ अत्यंत फलदायी माना जाता है।

........................................................................................................
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र (Ghrishneshwar Jyotirlinga, Maharashtra)

विश्व प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से तीन पावन ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में अलग-अलग स्थानों पर विराजित है। लेकिन यहां एक ज्योतिर्लिंग ऐसा है जिसके बारे में तीर्थयात्रियों का मानना है की यहां की यात्रा करने से सभी 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा करने का लाभ मिलता है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु (Rameshwaram Jyotirlinga, Tamil Nadu)

विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों का शास्त्रों में बहुत अधिक महत्व बताया गया है।

बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham)

भारत की चारों दिशाओं यानि पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण में चार धाम बसे हुए हैं।

रामेश्वर धाम (Rameshwar Dham)

विश्व प्रसिद्ध रामेश्वरम मंदिर के दर्शन करने का हिंदू धर्म में काफी महत्व बताया गया है।

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang