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गंगा दशहरा स्नान-दान मुहूर्त

गंगा दशहरा स्नान-दान मुहूर्त

Ganga Dussehra Muhurat 2025: गंगा दशहरा पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, विशेष फल होगा प्राप्त 

गंगा दशहरा हिन्दू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व मां गंगा के धरती पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है। गंगा दशहरा का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और जप-तप करने से मनुष्य के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

गंगा दशहरा पर ब्रह्ममुहूर्त में करें स्नान 

पंचांग के अनुसार, 5 जून को गंगा दशहरा पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस दिन सुबह 4:02 बजे से 4:42 बजे तक गंगा स्नान करना अत्यंत फलदायक रहेगा। यह समय ब्रह्म मुहूर्त का माना जाता है, जो हर प्रकार के आध्यात्मिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ होता है।

गंगा दशहरा के इस विशेष संयोग पर करें दान

इस दिन दान-पुण्य करने के लिए विशेष रूप से रवि योग और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। रवि योग पूरे दिन बना रहेगा, जो किसी भी प्रकार के शुभ कार्यों में सफलता प्रदान करता है। साथ ही, सिद्धि योग प्रातः 9:14 बजे तक रहेगा और इसे पुण्य लाभ देने वाला योग माना जाता है।

इन दोनों योगों के संयोग से इस दिन किया गया कोई भी दान या पूजन कार्य दस गुना फल प्रदान करने वाला होगा।

गंगा दशहरा के दिन किया गया दान होता है सहस्त्रगुणा फलदायक 

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से दस प्रकार के पापों का नाश होता है। इनमें शामिल हैं वाणी, मन, शरीर, क्रोध, चोरी, झूठ, परनिंदा, लालच, हिंसा और कुबुद्धि से जुड़े होते हैं।

ऐसी मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है।

‘स्कंद पुराण’ में वर्णित है कि गंगा दशहरा के दिन किया गया स्नान और दान सहस्त्रगुणा फलदायक होता है।

गंगा दशहरा पर करें ये उपाय 

गंगा दशहरा के दिन नदी किनारे दीप जलाकर प्रवाहित करना विशेष फलदायी होता है। इसलिए यह उपाय अवश्य करें।

घर में गंगा स्तोत्र, विष्णु सहस्रनाम या दशहरा विशेष मंत्रों का पाठ करें।

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