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वृंदावन जाने को जी चाहता है (Vrindavan Jane Ko Jee Chahta Hai)

वृंदावन जाने को जी चाहता है  (Vrindavan Jane Ko Jee Chahta Hai)

वृंदावन जाने को जी चाहता है,

राधे राधे गाने को जी चाहता है ।

वृदावन मेरे बांके बिहारी,

बांके बिहारी की लीला है न्यारी,

ये नैना लड़ाने को जी चाहता है,

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

वृदावन जाने को जी चाहता है ।

वृंदावन में यमुना किनारा

मेरा डुबकी लगाने को जी चाहता है

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

वृदावन जाने को जी चाहता है ।


वृंदावन में निधिवान है प्यारा

मेरा रास रचाने को जी चाहता है

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

वृदावन जाने को जी चाहता है ।


वृदावन में संत बहुत है,

वृदावन में भगत बहुत है,

संत बहुत है रसिक बहुत है,

शीश झुकाने को जी चाहता है,

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

वृदावन जाने को जी चाहता है ।


वृदावन जाने को जी चाहता है,

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

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जानकी जयंती विशेष उपाय

हिंदू धर्म में जानकी जयंती का विशेष महत्व है, जिसे माता सीता के अवतरण का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत, पूजा-पाठ और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।

आज है जानकी जयंती 2025

हिंदू धर्म में जानकी जयंती का बहुत महत्व है। इस पर्व को माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। साल 2025 में जानकी जयंती आज यानी 21 फरवरी, शुक्रवार को मनाई जाएगी।

जानकी जयंती पर सीता चालीसा का पाठ

हिंदू धर्म में भगवान राम और माता सीता की पूजा बहुत शुभ और कल्याणकारी मानी गई है। देवी सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है, वे जगत जननी मां लक्ष्मी का स्वरूप हैं।

जानकी जयंती पर चौपाइयों का पाठ

जानकी जी के विभिन्न नामों में सीता, मैथिली और सिया प्रमुख हैं। जानकी जयंती के अवसर पर रामचरित मानस की चौपाइयों का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। यहां कुछ चौपाइयां दी गई हैं जो राम भक्ति से परिपूर्ण हैं।

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