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जिन भवानी माँ (Jeen Bhawani Maa)

जिन भवानी माँ (Jeen Bhawani Maa)

जिन भवानी माँ,

थारी महिमा न्यारी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है ॥


ममतामयी मेरी मां,

करुणा मयी मेरी मां,

म्हे बालक हा नादान,

हे बुध्दी मति माता,

हे जगमती माता,

म्हे निर्गुण दयो थे ज्ञान,

आनंद कर दयो मां,

जग विख्यात थारी दातारी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है,

जिन भवानी मां,

थारी महिमा न्यारी है ॥


हे जग पटरानी मां,

थे हो कल्याणी मां,

अरज स्वीकार करो,

हे शक्ति प्रदायनि मां,

हे भक्ति प्रदायनि मां,

सुख सु यश प्रदान करो,

म्हे टाबर थारा,

तु ही कुल की धणीयानी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है,

जिन भवानी मां,

थारी महिमा न्यारी है ॥


मरुधर मे गोरिया धाम,

तीरथ बन्यो महान,

बठे थे बिराजो हो,

सागे हर्ष भैरो जी,

काटे कस्ट सके जी,

सबका कारज साधो हो,

निर्मल बोले माँ,

तु तो भक्ता की हितकारी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है,

जिन भवानी मां,

थारी महिमा न्यारी है ॥


जिन भवानी माँ,

थारी महिमा न्यारी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है ॥

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चैत्र नवरात्रि: मां चंद्रघंटा की कथा

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, जिन्हें साहस, शांति और कल्याण का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा की पूजा से भक्तों को शक्ति और सफलता मिलती है।

6 April 2025 Panchang (6 अप्रैल 2025 का पंचांग)

आज 06 अप्रैल 2025 चैत्र माह का इक्कीसवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि नवमी है। इसे रामनवमी कहा जाता है, इस दिन भगवान राम की विधि विधान से पूजा की जाती है।

चैत्र नवरात्रि चौथे दिन की पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिसमें से मां दुर्गा का चौथा रूप देवी कूष्मांडा का है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी कूष्मांडा की मुस्कान से पृथ्वी का निर्माण हुआ था, इसलिए उन्हें सृष्टि का पालक भी कहा जाता है।

चैत्र नवरात्रि: मां कूष्मांडा की कथा

देवी दुर्गा का चौथा स्वरूप मां कूष्मांडा का हैं, जिनकी चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन पूजा की जाती है, मां का यह स्वरूप शक्ति, ऊर्जा और आत्मज्ञान का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कूष्मांडा के मंद मुस्कान से इस सृष्टि की रचना हुई थी।

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