Logo

6 April 2025 Panchang (6 अप्रैल 2025 का पंचांग)

6 April 2025 Panchang (6 अप्रैल 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 6 अप्रैल 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह


Aaj Ka Panchang 06 April 2025: आज 06 अप्रैल 2025 चैत्र माह का इक्कीसवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि नवमी है। इसे रामनवमी कहा जाता है, इस दिन भगवान राम की विधि विधान से पूजा की जाती है। साथ ही आज चैत्र नवरात्रि का नवां दिन है, जो मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर सुकर्मा योग है। वहीं चंद्रमा आज कर्क राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल शाम 05 बजकर 07 मिनट से शाम 06 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो ग्रहों का राजा सूर्य देव को समर्पित होता है। साथ ही आज चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि है ऐसे में आज मां सिद्धिदात्री के लिए व्रत भी रखा जाएगा। आज का दिन बेहद ही शुभ है क्योंकि आज रवि पुष्य योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग पूरा दिन रहेगा।आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है। 


आज का पंचांग 06 अप्रैल 2025


  • तिथि - चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी तिथि 
  • नक्षत्र - पुष्य (पूर्ण रात्रि तक)
  • दिन/वार- रविवार
  • योग- सुकर्मा योग 
  • करण- बालव और कौलव 


शुक्ल पक्ष नवमी तिथि प्रारंभ - 05 अप्रैल शाम 07:26 बजे

शुक्ल पक्ष नवमी तिथि समाप्त - 06 अप्रैल शाम 07:22 बजे


सूर्य-चंद्र गोचर


  • सूर्य - मीन राशि में रहेंगे। 
  • चंद्र - चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे। 


सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त


  • सूर्योदय - सुबह 6 बजकर 05 मिनट पर 
  • सूर्यास्त -  शाम 6 बजकर 42 मिनट पर 
  • चन्द्रोदय - 6 अप्रैल दोपहर 12 बजकर 44 मिनट पर 
  • चन्द्रास्त - 7 अप्रैल रात्रि 3 बजे 


आज का शुभ मुहूर्त और योग 06 अप्रैल 2025


  • सर्वार्थ सिद्धि योग - पूरे दिन 
  • रवि पुष्य योग - पूरे 
  • रवि योग - पूरे दिन 
  • ब्रह्म मुहूर्त - प्रात:काल 04:34 बजे से सुबह 05:20 बजे तक।
  • अमृत काल - रात्रि 11 बजकर 46 मिनट से 7 अप्रैल रात्रि 1 बजकर 26 मिनट तक। 
  • अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:58 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक।
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02:30 बजे से दोपहर 03:19 बजे तक।
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06:41 बजे से शाम 07:03 बजे तक।
  • संध्या मुहूर्त - शाम 06:42 बजे से शाम 07:50 बजे तक।


आज का अशुभ मुहूर्त 06 अप्रैल 2025


  • राहु काल - शाम 05:07 बजे से शाम 06:42 बजे तक।
  • गुलिक काल - दोपहर 03:33 बजे से शाम 05:07 बजे तक।
  • यमगंड - दोपहर 12:24 बजे से दोपहर 01:58 बजे तक।
  • दिशाशूल - पश्चिम दिशा, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • दुर्मुहूर्त - शाम 05:01 बजे से शाम 05:51 बजे तक।
  • आडल योग - पूरे दिन 


06 अप्रैल 2025 पर्व/त्योहार/व्रत


  • रविवार - आज आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो ग्रहों के राजा सूर्य देव को समर्पित है। 
  • राम नवमी - भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। प्रत्येक वर्ष इस दिन को भगवान राम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। राम नवमी के समय आठ प्रहर उपवास करने की सलाह दी जाती है। जिसका अर्थ है- भक्तों को सूर्योदय से सूर्योदय तक व्रत पालन करना चाहिये। राम नवमी के अवसर पर दूर-दूर से श्रद्धालु अयोध्या आते हैं। सरयू नदी में पवित्र स्नान करने के बाद भक्तगण भगवान राम के जन्मोत्सव में भाग लेने के लिए  राम मन्दिर जाते हैं।
  • चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि - चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसे राम नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं। इस दिन भगवान राम की भी पूजा की जाती है, जो हिंदू धर्म के एक महत्वपूर्ण देवता हैं। नवमी तिथि के दिन हवन और पूजा के बाद कन्या पूजन किया जाता है, जिसमें 9 लड़कियों को भोजन कराया जाता है और उन्हें उपहार दिए जाते हैं। इस दिन व्रत और उपवास रखने से भी देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
  • महातारा जयंती - चैत्र शुक्ल नवमी तिथि के दिन महातारा जयन्ती मनायी जाती है। स्वतन्त्र तन्त्र में प्राप्त वर्णन के अनुसार, मेरु पर्वत के पश्चिम भाग में चोलना नदी अथवा चोलत सरोवर के तट पर देवी तारा का प्राकट्य हुआ था। देवी तारा भगवान शिव के तारकेश्वर रुद्रावतार की शक्ति हैं। देवी तारा महाविद्या की साधना सर्वप्रथम महर्षि वशिष्ठ जी ने की थी, जिसके कारण उन्हें वशिष्ठाराधिता भी कहा जाता है। 


आज का उपाय 06 अप्रैल 2025


06 अप्रैल को सुकर्मा योग बन रहा है। सुकर्मा को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है।इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। 


  • रविवार के उपाय- रविवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन सूर्य देव की पूजा करना शुभ माना जाता है। रविवार के दिन लाल वस्त्र धारण करने, लाल फूलों का अर्पण करने और गुड़ का दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, इस दिन सूर्य मंत्र का जाप करने से भी लाभ होता है। रविवार के दिन व्रत और उपवास रखने से भी सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
  • चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि के उपाय - चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा करना शुभ माना जाता है। नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करने से भी लाभ होता है, जिसमें 9 लड़कियों को भोजन कराया जाता है और उन्हें उपहार दिए जाते हैं। इसके अलावा, इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भी देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। नवमी तिथि के दिन व्रत और उपवास रखने से भी देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।


06 अप्रैल 2025 आज के पंचांग का महत्व


आज पुष्य नक्षत्र है। पुष्य को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। साथ ही चैत्र माह के शुक्ल पक्ष कि नवमी तिथि है, जिसे रामनवमी कहा जाता है। ऐसे में इस दिन माता सिद्धिदात्री और भकी विधिवत पूजा करें। साथ ही आज वार कि हिसाब से सूर्य देव की पूजा कर सकते हैं। 


........................................................................................................
भगवान विष्णु की उत्पत्ति, Bhagavaan Vishnu kee utpatti

शिव की इच्छा से जन्में हैं भगवान विष्णु, जानें कैसे मिला विष्णु नाम?, Shiv kee ichchha se janmen hain bhagavaan vishnu, jaanen kaise mila vishnu naam?

ब्रह्मा जी के पांच मंदिर (Brahma Ji ke Paanch Mandir)

पुष्कर के अलावा इन पांच और मंदिरों में कर सकते हैं भगवान ब्रह्मा के दर्शन, Pushkar ke alaava in paanch aur mandiron mein kar sakate hain Bhagavaan Brahma ke darshan

आईए जानते हैं मन और माँ के कारक ग्रह चंद्रमा के बारे में, Aaiye jaante hain man aur Maa ke kaarak grah chandrama ke baare mein

आईए जानते हैं मन और माँ के कारक ग्रह चंद्रमा के बारे में, Aaiye jaante hain man aur Maa ke kaarak grah Chandrama ke baare mein

नवग्रह मंडल के स्वामी सूर्य के बारे में जानें, Navagrah Mandal ke svaamee sooryaay ke baare mein jaanen

नवग्रह मंडल के स्वामी सूर्य के बारे में जानें, Navagrah Mandal ke svaamee sooryaay ke baare mein jaanen

यह भी जाने
HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang