लागे वृन्दावन नीको,
सखी मोहे लागे वृन्दावन नीको।
लागे वृन्दावन नीको,
आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
घर घर तुलसी ठाकुर सेवा,
दर्शन गोविन्द जी को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
निर्मल नीर बहे जमुना को,
भोजन दूध दही को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
रतन सिंघासन आप विराजे,
मुकुट धरो तुलसी को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
कुंजन कुंजन फिरत राधिका,
शबद सुनत मुरली को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
भजन बिना नरभी को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ है। इन्हें देवताओं के मुख्य लेखपाल और यम के सहायक के रूप में पूजा जाता है।
भाई दूज का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है, जो इस साल 3 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करके उनकी लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं।
दिवाली पूजा के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को सही तरीके से संभालना बेहद महत्वपूर्ण है। पुरानी मूर्तियों को सम्मान के साथ विसर्जित करना और नई मूर्तियों को पूजा स्थल पर स्थापित करना शुभ माना जाता है। गलत तरीके से मूर्तियों का उपयोग करने से पूजा का फल नष्ट हो सकता है।
भाई दूज 2024: भाई दूज पर बहनें शुभ मुहूर्त में अपने भाई को तिलक लगाकर उनके दीर्घायु और समृद्धि की कामना करती हैं। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विशेष धार्मिक महत्व रखता है।