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दिवाली पूजन के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का क्या करें

दिवाली पूजन के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का क्या करें

दिवाली पूजा के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का करें यह इंतजाम, जानें तरीका


देशभर में दिवाली का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है। लोग अक्सर नई मूर्तियां खरीदकर पूजा करते हैं। परंतु पूजा के बाद उन मूर्तियों को कैसे संभालना है, इस पर ध्यान नहीं देते। गलत तरीके से मूर्तियों को रखने या उनका अनादर करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। जिससे नकारात्मक ऊर्जा घर आ सकती है। आइए विस्तार से समझते हैं कि पूजन के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का इंतजाम कैसे करें।


दिवाली पूजा में स्थापित करें नई मूर्ति 


दिवाली के विशेष दिन नई मूर्तियों की पूजा करें और उन्हें पूजा स्थल पर विधि विधान से स्थापित करें। भाई दूज के बाद पुरानी मूर्तियों को पूजा स्थल से हटाना शुभ माना जाता है। नई मूर्तियों को स्थापित करने से पहले पुरानी मूर्तियों की सम्मान पूर्वक पूजा करें।


कैसे करें प्रार्थना


पुरानी मूर्तियों के सामने बैठकर श्रद्धा से प्रार्थना करें। मूर्तियों को रोली, अक्षत, फूल, मिष्ठान और खील-बताशे चढ़ाएं। इसके बाद नई मूर्ति को पूजा स्थान पर रखकर पुरानी मूर्तियों को विसर्जन की तैयारी शुरू करें। 


मिट्टी की मूर्तियों का विसर्जन कैसे करें


यदि आपकी पूजा में उपयोग की गई मूर्तियां मिट्टी की बनी हैं तो इन्हें नदी या किसी पवित्र जलस्रोत में विसर्जित करना शुभ माना जाता है। मूर्तियों को लाल कपड़े में लपेटें और नदी में विसर्जित करें। अगर नदी में विसर्जन संभव न हो तो घर में किसी शुद्ध पात्र में जल भरकर उसमें मूर्तियों को गला सकते हैं। यह प्रक्रिया पूजा का फल बनाए रखने में मदद करती है और पाप से भी बचाती है।


धातु की मूर्तियों का उपयोग और रखरखाव


यदि मूर्तियां धातु की हैं तो इन्हें विसर्जन के बजाय घर के मंदिर या पूजा स्थल में रखें। मूर्तियों को साफ और पवित्र स्थान पर रखना अनिवार्य है। धातु की मूर्तियों को संभालकर रखकर नियमित पूजा करने से लक्ष्मी और गणेश की कृपा बनी रहती है।


मूर्तियों का अनादर करने से बचें


मूर्तियों को कहीं भी इधर-उधर रखना या गंदे स्थान पर फेंकना अशुभ माना जाता है। मूर्तियों को गंदे पानी या कचरे में फेंकना नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और मां लक्ष्मी की नाराजगी का कारण बन सकता है। यदि विसर्जन नहीं कर सकते, तो मूर्तियों को लाल कपड़े में बांधकर पवित्र स्थान पर रखें।


दान और सेवा से बढ़ाएं पुण्य


दिवाली के बाद किसी जरूरतमंद या गरीब व्यक्ति को दान दें। लक्ष्मी-गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा के बाद वस्त्र, मिठाई या अनाज का दान शुभ माना जाता है। दान से आर्थिक उन्नति के साथ घर में सुख-समृद्धि और शांति भी बनी रहती है। दिवाली पूजा के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का सही तरीके से विसर्जन या रखरखाव करना अत्यंत आवश्यक है। पुरानी मूर्तियों को सम्मान के साथ विदा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। मूर्तियों का अनादर करने से पूजा का फल नष्ट हो सकता है और आर्थिक संकट आ सकता है। सही विधि और श्रद्धा के साथ इन उपायों को अपनाकर आप भी लक्ष्मी-गणेश की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति पा सकते हैं।

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